भारत के उपराष्ट्रपति ने आज विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम के किए दर्शन।

न्यूज़ 13 प्रतिनिधि नैनीताल

नैनीताल/ देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज गुरुवार को स्टीव जॉब्स व मार्क जुकरबर्ग से लेकर विश्वभर के आध्यात्मिक गुरु के रूप में विश्व प्रसिद्ध बाबा नीब करौरी के कैंची धाम में सपत्नीक दर्शन करने पहुंचे। यहां उन्होंने बाबा को कंबल एवं प्रसाद चढ़ाया और लगभग एक घंटे तक यहां की आध्यात्मिक शांति का अनुभव किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वह कैंची धाम आकर अभिभूत हैं।

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उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि व भारत महापुरुषों की भूमि है हाल के वर्षों में इन स्थानों के रखरखाव का उत्कृष्ट-सराहनीय कार्य हो रहा है। देश को इससे नई ऊर्जा मिली है। कहा कि भारत की दुनिया में सबसे पुरानी 5000 वर्ष पुरानी सांस्कृतिक विरासत है। जी-20 से भारत की वशुधैव कुटुंबकम की भावना और दुनिया के एक परिवार-एक पृथ्वी और पूरी दुनिया का एक भविष्य होने का संदेश पूरी दुनिया में गया है। समस्याओं से जूझ रहे विश्व को भारत की संस्कृति समस्याओं के समाधान दे सकती है

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इससे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को कैंची धाम लगभग साढ़े 10 बजे पहुंचे। उन्होंने बाबा नीब करौरी महाराज के दर्शन कर पूजा अर्चना की। स्थानीय युवतियों मीरा तिवारी और भावना तिवारी ने उन्हें तिलक चंदन लगाकर पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। मंदिर समिति और प्रशासन की ओर से उपराष्ट्रपति को बाबा नीब करौरी की मूर्ति स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की गयी। जिलाधिकारी वंदना सिंह व एसएसपी पीएन मीणा ने भी यहां उपराष्ट्रपति का औपचारिक स्वागत किया।

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उपराष्ट्रपति ने इस दौरान बाबा नीब करौरी की सजीव सी लगने वाली आदमकद मूर्ति के सामने शीष झुकाकर उन्हें प्रणाम किया। उनका लाया हुआ कंबल बाबा को ओढ़ाया और फूल व अन्य प्रसाद चढ़ाया गया। श्री धनखड़ ने मंदिर में स्थित हनुमान जी एवं अन्य देवी-देवताओं के भी दर्शन किये और पूजा अर्चना की। साथ ही बाबा नीब करौरी के तपस्या स्थल पर भी नमन किया। उन्होंने मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ भी बात की। दर्शन व पूजा अर्चना के बाद उपराष्ट्रपति का काफिला हल्द्वानी के लिए रवाना हो गया। इससे पहले गुरुवार सुबह नौ बजे से ही आम भक्तों के लिए कैंची धाम में प्रवेश रोक दिया गया था।

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उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम के बाच जगह-जगह रोके गये वाहनों के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मंदिर के मुख्य गेट से लेकर आसपास के मकानों की छतों व पहाड़ियों में सुरक्षा कर्मी तैनात किये गए है। इस बीच मंडलायुक्त दीपक रावत, डीआईजी डॉ. योगेंद्र रावत सहित पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मंदिर परिसर में जमे रहे।

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