पौड़ी/उत्तराखंड में 19 अप्रैल को पहले चरण में पांचों लोकसभा सीट पर सबसे पहले चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं। चुनाव के बाद से गढ़वाल और हरिद्वार लोकसभा सीट पर संसय बना हुआ है। भाजपा ने दोनों सीटों पर हरिद्वार में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक और गढ़वाल लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का टिकट काटकर हरिद्वार में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और गढ़वाल लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी को अपना प्रत्याशी घोषित किया।
दुसरी ओर कांग्रेस ने हरिद्वार में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र बीरेंद्र सिंह रावत और गढ़वाल लोकसभा सीट पर गणेश गोदियाल को टिकट देकर उन पर भरोसा जताया है। दोनों ही सीटों पर भाजपा में भीतरघात की ज्यादा सम्भावनाएं जताई जा रही हैं। हरिद्वार लोकसभा सीट पर डा रमेश पोखरियाल निशंक का अच्छा जनाधार माना जाता है। इसके अलावा इस सीट पर सपा व बसपा की भी अच्छी पकड़ है। चुनाव प्रचार के बीच निशंक मैदान में बहुत कम दिखाई दिए जिसका खामियाजा भाजपा को ही भुगतना पड़ सकता है। सोशल मीडिया पर एक सवाल के जवाब में तो त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यहां तक कह दिया था कि जिसे काम नहीं करना है वह गोली खाकर सो जाए। इसके चलते हरिद्वार लोकसभा सीट पर भाजपा को कांग्रेस से चुनौती मिल सकती है।
गढ़वाल लोकसभा सीट भी भाजपा की स्थिति साफ नहीं है। पौड़ी जिले की छह विधानसभा सीटों में से तीन विधानसभा सीट ऐसी हैं जहां जनता विकास कार्य न होने के चलते भाजपा विधायकों से नाराज़ हैं। यमकेशवर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी द्वारा गोद लिए गए बोरगांव में तो बलूनी के चुनाव प्रचार के दौरान वहां पहुंचने पर क्षेत्र के लोगों द्वारा उनका जमकर विरोध किया गया। कोटद्वार विधानसभा सीट पर आपदा के दौरान क्षेत्रीय विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी का भी विरोध देखने को मिला है। गढ़वाल लोकसभा सीट पर निवर्तमान सांसद तीरथ सिंह रावत नामांकन के बाद से ही दूरी बनाए रहे।
पौड़ी की तीन और चमोली की अधिकांश विधानसभाओं में गणेश गोदियाल का अच्छा जनाधार माना जाता है। पौड़ी में नामांकन के दौरान जो जनसैलाब गणेश गोदियाल के साथ देखने को मिला वह अनिल बलूनी के साथ नहीं था जबकि बलूनी के नामांकन के दौरान स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत कई बड़े मंत्री व नेता मौजूद थे। हालांकि सात चरणों के चुनाव संपन्न होने के बाद एक्जिट पोल उत्तराखंड की पांचों सीटों पर भाजपा की जीत बता रहे हैं।
परन्तु चुनाव से पूर्व कई एक्जिट पोल उत्तराखंड में एक से दो सीट कांग्रेस के पक्ष में दिखा रहे थे। राजनीति के जानकारों का कहना है कि गढ़वाल लोकसभा सीट कांग्रेस को मिल सकती है। हरिद्वार सीट पर भी कुछ सियासी जानकार उलटफेर हो के कयास लगा रहे हैं। बहरहाल सबकी नजर 4 जून के चुनावी नतीजों पर टिकी हैं।