चम्पावत/ उत्तराखंड जनपद चंपावत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना विकासखंड लोहाघाट सीमावर्ती क्षेत्र महाकाली नदी के समीप हो रहे कार्य पर गुणवत्ता को लेकर ग्रामीणों ने उठाये प्रश्न ग्रामीणों का कहना है।
कि हमने अपने खेत तक विकास होगा करके सरकार को दिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जब सड़क की कटिंग हुई तो हमारे उपजाऊ खेत, गुल, फलदार पेड़, सभी इस विकास कार्य के चपेट में आ गए पासम गांव के तोक नखरोघाट आठ शो नाली, जमीन बंजर पड़ गई है जिससे ग्रामीण वासी अपनी आजीविका चलाते थे।
उसके बाद भी गांव वालों का कहना है हमने अपने मन को मार लिया कि हमारे यहां साधनो की व्यवस्था हो जाएगी ग्राम वासियों का कहना है अगर हमारे गांव में कोई बीमार भी हो जाए तो हमें दस किलोमीटर तक बीमार आदमी को डोली में रखकर सड़क तक ले जाना पड़ता था जिसके लिए हमें गांव में बीस से पच्चीस लोगों की जरूरत पड़ती थी अगर इतने लोग इकट्ठा नहीं होने पर कई बीमार लोग आधे रास्ते में ही दम तोड़ चुके हैं और हमने कहा सड़क आएगी तो सुविधा हो जाएगी।
लेकिन निर्माण कार्य संस्था सही गुणवत्ता के साथ कार्य नहीं कर रही है निर्माण संस्था पर सवाल उठाए, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि चंद्रकांत, क्षेत्र पंचायत सदस्य कमल बोहरा, जिला पंचायत सदस्य जिला पंचायत उपाध्यक्ष ललित कुवर, ग्रामीण नरेश सिंह सोशल मीडिया के स्टार प्रचारक गणेश सिंह, सोशल मीडिया के स्टार प्रचारक हिम्मत सिंह, नीमा देवी, सुंदरी देवी, नीला देवी, गंगा देवी, उमेश सिंह केस्वती देवी, जानकी देवी, रिंकू देवी, आदि लोगों ने निर्माण दाई संस्था वह विभाग पर कई प्रश्न उठाए जब हमारे संवाददाता पुष्कर सिंह बोहरा पृष्ठभूमि से जुड़े हुए पत्रकार जीरो पॉइंट पर गए ग्रामीणों की ओर विभाग वालों की और कार्यदाई संस्था सभी से बात करी तो ग्रामीणों का कहना है।
कि घटिया गुणवत्ता के साथ कार्य किया जा रहा है और लोकल डस्ट लगाया जा रहा है वही संवादाता पुष्कर सिंह बोहरा ने विभाग से बात करी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना एई गौरव पाठक, अभियंता पंकज कुमार, अभियंता हयात राम, उनसे बात करी तो उन्होंने ग्राउंड में जाकर रोड की गुणवत्ता को सही मानकों के आधार पर नापा जो रोड की चौड़ाई मानक के आधार पर तीन मीटर है वो 3.5 पाई गई
जिसका ग्रामीणों को सही अंदाजा नहीं होने के कारण ग्रामीण आक्रोश में थे लेकिन जब प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के एई गौरव पाठक, जेई पंकज कुमार, जेई हयात राम, द्वारा ग्रामीणों को समझाया गया जिससे ग्रामीणों काफी आक्रोश में होने के बाद शांत हो गए और ग्रामीणों ने कहा हमारे यहां हमको सही तरीके से और सही गुणवत्ता के साथ रोड बना कर दे दीजिए और जितना सहयोग हमसे हो पड़ेगा हम भी करेंगे निर्माण दाई इस संस्था के ठेकेदार से बात करी ठेकेदार का कहना है कि गांव वाले हमारा सहयोग नहीं करते हैं
और हम आगे डामरीकरण कर रहे हैं पीछे से गाय बैल और वाहन तत्काल रोड़ में लगा देते हैं जिसके कारण हमें डामरीकरण करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और ठेकेदार ने एक बात और कही कि यह तो मेरा घर है मैं अपने घर में थोड़ी कोई गलत कार्य करूंगा मेने जितनी भी रोड बनाई है आज तक कोई शिकायत नहीं आई