देहरादून/ राज्य में आंतरिक सुरक्षा व कानून व्यवस्था के लिए पुलिस बल बढाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही 18 सौ सिपाहियों की भर्ती की जाएगी। इसके अलावा किसी भी पुलिसकर्मी की मौत के बाद परिजनों को तत्काल एक लाख रुपए की सहायता के लिए दो करोड़ के फंड की व्यवस्था की जा रही है। ये घोषणा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने शनिवार को पुलिस लाइन में आयोजित शहीद स्मृति दिवस परेड के दौरान की। मुख्यमंत्री ने धामी ने कहा कि सामरिक एवं भौगोलिक दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में पुलिस की अहम भूमिका है। ऐसे में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाना बेहद जरूरी है। कहा कि आने वाले दो साल में नशा मुक्त और अपराध मुक्त उत्तराखंड बनाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने ये भी घोषणा की कि हर पुलिसकर्मी का वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण मुफ्त कराया जाएगा।
वहीं अगले तीन साल में पुलिसकर्मियों के आवासों के लिए भी सौ करोड़ का बजट दिया जाएगा। इसके अलावा पुलिसकर्मियों को आधुनिक हथियारों के साथ उनके कार्यालयों को भी बेहतर और हाईटेक बनाया जाएगा। साथ ही पूर्व सीएम ने पुलिस शहीद स्मारक पर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। वहीं शहीद हुए चार पुलिसकर्मियों के परिजनों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम दौरान पुलिस की ओर से रैतिक परेड कर मुख्यमंत्री को सलामी दी गई।कार्यक्रम में मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, खजान दास, विनोद चमोली, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, एसीएस राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, डीएपी अंशुमन, अमित सिन्हा, मानवाधिकार आयोग सदस्य व पूर्व डीजी राम सिंह मीना, पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी
और आईजी गढ़वाल केएस नागन्याल सहित कई पुलिसकर्मी मौजूद थे।
मौत पर एक करोड़ पांच लाख तक का इंश्योरेंस
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि सिपाहियों की भर्ती अब लोक सेवा आयोग के माध्यम से हो रही है। जबकि मृतक आश्रित कोटे से सिपाही पर ही नियुक्ति होती है। ऐसे में विभाग इनको नियुक्ति नहीं दे पा रहा। जिससे पिछले आठ माह से मृतक आश्रित कोटे में एक भी भर्ती नहीं हो पायी। इसी को लेकर मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई थी। अब उन्होंने इस मामले में प्रक्रिया को बदलकर जल्द मृतक आश्रितों की भर्ती करवाने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद उम्मीद है कि जल्द ही भर्ती होगी। वहीं उन्होंने बताया कि अब कई बैंक सेलरी खाते में पुलिसकर्मियों को एक करोड़ पांच लाख तक का इंश्योरेंस दे रहे हैं। यानी खाताधारक की मौत पर बैक उनके परिजनों को इंश्योरेंस की रकम देगा।