नैनीताल/ उत्तराखंड उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने चमोली जिले के जोशीमठ शहर में दरारों से संबंधित जनहित याचिका में राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 6 हफ्ते में जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 2 अगस्त को निर्धारित की है।
दिल्ली निवासी आचार्य अजय ने नैनीताल उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाकर कहा कि जोशीमठ में 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई हैं। कर्णप्रयाग में 50 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई है। जो परिवार पीपलकोटी या अन्य जगह शिफ्ट कराए गए हैं उनके रहने का जो तरीका है वह उचित नहीं है और ना ही उन्हें उचित मुआवजा मिला है। इसके अलावा उनके साथ जो गोवंश व अन्य मवेशी थे वे भी बेसहारा हो गए हैं।
जोशीमठ की आबादी लगभग 15,000 से 20,000 है और यात्रा के दिनों में 1,00,000 (एक लाख) तक हो जाती है। वहां पर कोई भी सीवर सिस्टम नहीं है जिस कारण पहाड़ों में लोग गड्ढा कर वेस्ट डाल रहे हैं। एक एक्सपर्ट कमेटी बनाने की भी मांग की गई जो कि जोशीमठ और कर्णप्रयाग को बचाने के लिए उपाय सुझाए।
जिसपर उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए 6 हफ्ते का समय देते हुए जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई 2 अगस्त को निर्धारित की गई है।