वन विभाग के अधिकारियों में मचा हड़कंप नैनीताल हाईकोर्ट ने अवैध कटान के मामले मे प्रमुख सचिव वन, डीएफओ सहित इन जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही के दिए निर्देश।

न्यूज़ 13 प्रतिनिधि नैनीताल

 नैनीताल/ उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए सरकार को अवैध कटान के मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही करने के निर्देश देते हुए इस मामले का निस्तारण कर दिया गौर तलब है कि कालाढूंगी से बाजपुर के मध्य किये जा रहे पेड़ों के अवैध कटान मामले में स्वतः संज्ञान संबंधी जनहित याचिका में अपना निर्णय सुनते हुए राज्य सरकार को जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। खंडपीठ ने याचिका को निस्तारित कर दिया है।

यह भी पढ़ें 👉 पिथौरागढ़ से टनकपुर जा रही 22 यात्रियों से भरी बस के हुए ब्रेक फेल यात्रियों में मची चीख पुकार।

मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खण्डपीठ ने सरकार से कहा कि वो न्यायालय में मौजूद अवैध लकड़ी कटान जारी रखने के आरोपी सभी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ़ गवर्नमेंट सर्वेट अनुशासनात्मक और अपील अधिनियम 2003 के तहत कार्यवाही करें।उन्होंने अधिकारियों के व्यवहार को दुराचार (मिसकंडक्ट) बताया क्योंकि उन्हें नियमों की जानकारी होती है और जानने के बावजूद गलत करते हैं।

यह भी पढ़ें 👉 देहरादून निवासी मर्चेंट नेवी का सेलर 8 दिन से लापता, रुस से जा रहा था तुर्किये।

न्यायालय ने कहा कि ई-रिक्शा, मोटरसाइकिल, साइकिल और ट्रांसपोर्ट के अन्य माध्यमों से सूखकर स्वतः गिरी लकड़ी के बजाए काटी गई लकड़ी ले जाने के साफ साक्ष्य मिले हैं। न्यायालय ने अवैध कटान के लिए प्रमुख सचिव वन समेत जिम्मेदार अधिकारियों और संबंधित डी.एफ.ओ.को जिम्मेदार माना है। इन अधिकारियों ने अपनी ड्यूटी समझने के बावजूद समय के लंबे अंतराल से ये गड़बड़ियां होने दी हैं। खण्डपीठ ने राज्य सरकार को इन अधिकारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के निदेश दिए हैं। सुनवाई के बाद न्यायालय ने याचिका को निस्तारित कर दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *