नैनीताल/ उच्च न्यायालय ने हरिद्वार से अपहृत युवती की खोजबीन में असफल यू.पी. और ऊत्तराखण्ड पुलिस के कप्तानों से आज शाम 5 बजे तक अपहृत युवती को सी.जे.एम. हरिद्वार के समक्ष पेश करने को कहा है। न्यायालय ने सी.जे.एम. से युवती की सुरक्षा के आदेश जारी करने के साथ अगली तारीख 16 जनवरी तय की है। हरिद्वार निवासी अमरजीत ने पुलिस में शिकायत दर्ज कर कहा था कि उनकी पत्नी कहीं गायब हो गई है।
इसके बाद यू.पी. और ऊत्तराखण्ड पुलिस उनकी तलाश में जुट गई। लंबे वक्त तक पत्नी का सुराग नहीं मिलने के बाद अमरजीत ने उच्च न्यायालय की शरण ली। न्यायालय के पूर्व के आदेशों के क्रम में जांच अधिकारी (आई.ओ.) एस.आई. भूपेंद्र सिंह पिछले दिनों ऑनलाइन हाजिर हुए। उन्होंने बताया कि यू.पी. में सहारनपुर के देवबन्द पुलिस स्टेशन में दर्ज 363 (अपहरण) के मुकदमे में वो जांच अधिकारी हैं। जांच अधिकारी ने बताया था कि 5 दिसंबर 2023 के बाद से अपहृत युवती का कोई अता पता नहीं चल पाया है।
अपहृत के याचिकाकर्ता पिता अमरजीत भी सुनवाई के दौरान ऑनलाइन जुड़े और उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी से 4 दिसंबर के बाद से कोई वार्ता नहीं हुई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मंनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने आदेश जारी कर एस.एस.पी. हरिद्वार और देवबन्द के कोतवाल से अपहृत युवती को अगली तारीख तक न्यायालय में पेश करने को कहा था। न्यायालय की फटकार के बाद यू.पी. व ऊत्तराखण्ड पुलिस ने संयुक्त जांच कर न्यायालय को बताया कि उनकी टीम अपहृत युवती की तलाश में पटियाला गई है आशंका जताई जा रही है कि वो पटियाला में काम करने वाले अपने रिश्तेदार के साथ गई होगी।
पुलिस की लचर कार्यवाही से नाराज होकर खंडपीठ ने एस.एस.पी. हरिद्वार और एस.एस.पी. सहारनपुर से 13 जनवरी शाम 5 बजे तक अपहृत युवती को सी.जे.एम. हरिद्वार के सम्मुख पेश करने को कहा है। खंडपीठ ने सी.जे.एम. हरिद्वार को निर्देशित करते हुए कहा कि वो युवती के मिलने के बाद इस बात के आदेश जारी करें कि अपहृत युवती सुरक्षित रहे।