देहरादून/ वाइल्ड लाइफ इलाके में एसटीएफ उत्तराखण्ड की बड़ी कार्यवाही बाघ की खाल व हड्डी के साथ 3 शातिर वन्यजीव तस्करो को किया गिरफ्तार। फिल्मी स्टाइल में हाईवे में ट्रक चलाकर उसमें कर रहे थे वन्यजीव अंगो की तस्करी एसटीएफ द्वारा काफी मशक्कत के बाद किया चलते ट्रक को काबू। उत्तराखण्ड के कुख्यात वन्यजीव तस्कर गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार वन्यजीव तस्करी नेक्सस का भण्डाफोड़ उत्तराखण्ड से दिल्ली तक फैला था नेटवर्क।
उत्तराखण्ड में अब तक की सबसे बड़ी टाइगर खाल एसटीएफ द्वारा बरामद की गई एक खाल की कुल लम्बाई 11 फिट 4 इंच है जुलाई माह में बरामद खाल से भी विशालकाय है।उत्तराखण्ड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा राज्य की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये रखने के लिए चलाये जा रहे अभियानों में से एक महत्वपूर्ण राज्य में बढ़ते वन्य जीव अंगो की अवैध तस्करी में लिप्त तस्करों की अवैध गतिविधियों की रोकथाम व धरपकड़ के लिए एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा अपनी टीमों को निर्देशित किया गया था।
इसी क्रम में सीओ एसटीएफ सुमित पाण्डे के नेतृत्व में उत्तराखण्ड, एसटीएफ वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरी दिल्ली व तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर (टांडा) की संयुक्त टीम द्वारा कल शाम बाजपुर स्थित हाइवे से 3 शातिर वन्यजीव तस्करों को गिर कर उनके कब्जे से 2 बाघ की खाल के साथ लगभग 35 किग्रा बाघ की हड्डी बरामद की है। गिरफ्तार तस्कर जनपद नगर के काशीपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं और लम्बे वक्त से वन्यजीव अंगो की तस्करी में लिप्त थे।कल शाम एसटीएफ को गोपनीय सूचना मिली कि तीन शातिर तस्कर एक ट्रक संख्या यूके 18 सीए 6713 से काशीपुर से रुद्रपुर की ओर आ रहे हैं जिसपर संयुक्त टीम द्वारा घेराबन्दी कर उन्हें बाजपुर दोराहा हाइवे पर रोक लिया तलाशी लेने पर वाहन के अन्दर से बाघ की खाल व भारी मात्रा में हड्डिया बरामद हुई।
गिरफ्तार तस्करों ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि उक्त बाघ की खाल व हड्डी को वे काशीपुर से लाये और जिसे आज बेचने के लिए रुद्रपुर ले जा रहे थे। अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो पता चला कि तीनों कुख्यात वन्यजीव तस्कर हैं जो कि काफी वक्त से उत्तराखण्ड व सीमावर्ती उतर प्रदेश में सक्रिय हैं इसी गैंग से सम्बन्धित 7 सदस्यों को एसटीएफ द्वारा इसी वर्ष जुलाई महीने में 1 बाघ खाल के साथ पकड़ा था। पकड़े गये तस्करों के विरुद्ध तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर में वन्यजीव जन्तु संरक्षण अधिनियम में पंजीकृत कराया गया। अभियुक्तों से तस्करी के सम्बन्ध में एसटीएफ द्वारा विस्तृत पूछताछ की जा रही हैं। एसटीएफ की इस कार्यवाही मुख्य आरक्षी जगपाल सिंह व मुख्य आरक्षी गोविन्द बिष्ट की विशेष भूमिक रही। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा बताया गया कि एसटीएफ द्वारा 22 जुलाई को खटीमा क्षेत्र में एक वन्यजीव तस्कर गैंग के विरुद्ध कार्यवाही कर एक टाइगर की खाल व भारी मात्रा में टाइगर की हड्डियां बरामद की थी और 7 वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार किया था।
इस कार्यवाही में एसटीएफ को कई अहम सुचनाएँ हाथ लगी थी जिस पर टीम द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा था इस क्रम में एसटीएफ द्वारा कल शाम उक्त गैंग के नेटवर्क के समस्त सदस्यो को गिफ्तार किया गया। उक्त गैंग के 3 सदस्यों को 2 बाघ खाल व लगभग 35 किग्रा हड्डियों के साथ बाजपुर हाईवे से गिरफ्तार किया गया।बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है जिसे वन्यजीव जन्तु संरक्षण अधिनियम की पहली अनुसूची में रखा गया है इसका शिकार करना एक गम्भीर अपराध है पकड़े गये तीनों तस्करों के विरुद्ध फॉरेस्ट विभाग रुद्रपुर में वन्यजीव अधिनियम व वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।एसएसपी एसटीएफ ने जनता से अपील की है कि वन्य जीव अपराधो में एसटीएफ नोडल एजेन्सी है वन्यजीवों की तस्करी करने वाले तस्करों तथा वन्य जीव अपराधो से सम्बन्ध में सूचना निकटतम पुलिस स्टेशन या एसटीएफ उत्तराखण्ड (0135-2656202) से सम्पर्क कर दी जा सकती है।