यूपीसीएल ने सरकार को लगाई 10 करोड़ से ज्यादा की चपत।

न्यूज़ 13 प्रतिनिधि उधमसिंहनगर

 उधमसिंहनगर/ सितारगंज के सरकडा में प्रस्तावित 33 केवीए के सब स्टेशन के टेंडर में बड़ा खेल हुआ है यूपीसीएल ने टेंडर जारी करने के बाद अधिक लागत पर रीटेंडर कराया है। यूपीसीएल अधिकारियों की इस करतूत से राज्य सरकार के राजकोष को एक करोड़ तीन लाख रूपये की चपत लग गई।

यह भी पढ़ें 👉 भाजपा विधायक महेश जीना का नगर निगम देहरादून में हंगामा, सत्ता के नशे में चूर भाजपा विधायक कमिश्नर को दिखा रहे हैं सत्ता की हनक।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पिछले साल ऊर्जा विभाग ने सरकडा शुगर मिल में 33 केवीए का सब स्टेशन और फीडर बनाने के लिए टेंडर मांगे थे। टेंडर प्रक्रिया में पुणे की एसटी इलेक्ट्रिकल्स, रानीखेत के मैसर्स कश्मीरी लाल कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. कर्नाटक की ओमकार इलेक्ट्रिकल्स के साथ समर्थ इलेक्ट्रिकल्स शामिल हुई थीं। नौ जुलाई 2023 को तकनीकी तौर पर पुणे की एसटी इलेक्ट्रिकल्स को हरी झंडी दे दी गई। 28 अगस्त 2023 को सब स्टेशन निर्माण के लिए इस कंपनी को लगभग 10 करोड़ 41 लाख रूपये का ठेका दे दिया गया। इसके बाद यूपीसीएल में खेल शुरू हुआ और यह ठेका निरस्त करने के साथ ही दोबारा टेंडर कराए गए।

यह भी पढ़ें 👉 अल्मोडा, सल्ट पुलिस ने दो लाख रुपए से अधिक का अल्टो कार से तस्करी करे रहे 01 गांजा तस्कर को 15 किलो गांजे के साथ किया गिरफ्तार।

दूसरे टेंडर में पुणे की एसटी इलेक्ट्रिकल्स, गाजियाबाद की कैपिटल इलेक्ट्रिकल्स प्रा. लि. बरेली के मिश्री लाल एसोसिएट प्रा. लि., कर्नाटक के ओमकार इलेक्ट्रिकल्स के साथ मिलकर समर्थ इलेक्ट्रिकल्स शामिल हुई।
दोबारा टेंडर कराने पर उठे सवाल

विद्युत सब स्टेशन निर्माण के लिए दोबारा टेंडर कराने से सवाल उठे हैं। आखिर क्यों पहली बार में टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद निरस्त की गई।

यह भी पढ़ें 👉 उतराखंड में यहां नाबालिग की हुई संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, अंतिम संस्कार से पहले पहुंची पुलिस।

पहली बार में एक कंपनी को टेंडर जारी करने के बाद उसी कंपनी को दोबारा ठेका दे दिया गया। आखिर क्यों पहले टेंडर की तुलना में दूसरी बार अधिक लागत पर टेंडर जारी किया गया। क्या इससे उत्तराखंड सरकार के राजकोष को चपत नहीं लगी। उत्तराखंड जनादेश की टीम पूरे मामले की जांच-पड़ताल में जुटी है। इस मामले में संबंधित यूपीसीएल अफसर से संपर्क का प्रयास किया गया परन्तु पक्ष नहीं मिल पाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *