चम्पावत, मुख्यमंत्री धामी के आदर्श जिले में करोड़ों की लागत से बने कलैक्ट्रेट परिसर में नही है शौचालय, दुरस्त क्षेत्रों से आई महिलाओं को शौच के लिए लेना पड़ता है झाड़ियों का सहारा।
चम्पावत, मुख्यमंत्री धामी के आदर्श जिले में करोड़ों की लागत से बने कलैक्ट्रेट परिसर में नही है शौचालय, दुरस्त क्षेत्रों से आई महिलाओं को शौच के लिए लेना पड़ता है झाड़ियों का सहारा।
चंपावत/ जिले के कलक्ट्रेट क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था न होने से लोगों को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है खासकर महिलाओं को। कलेक्ट्रेट क्षेत्र में रोजाना जरूरी काम के लिए दूर दराज के क्षेत्रों से कई लोग आते हैं परन्तु उनके लिए शौचालय की तक व्यवस्था नहीं है।
एक मात्र पुरुष शौचालय सरस बाजार के समीप है वहां भी गंदगी अधिक होने के कारण लोग नहीं जाते। वही दुकानदार राजू ने कहा दिनभर लोग उनसे शौचालय के बारे में पूछते रहते हैं। जब जगह नहीं मिलती है तो झाड़ियों में शौच के लिए उन्हें मजबूर होना पड़ता है। जिसके चलते यहां पर गंदगी और बदबू से खड़ा होना भी मुश्किल होता है।
सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं को होती है स्थानीय ललित और संजय ने कहा कि पूर्व में पालिका से सार्वजनिक शौचालय निर्माण की मांग की गई परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई है।पालिका के ईओ अशोक कुमार वर्मा का कहना है कि जगह की उपलब्धता के अनुसार आमजन की इस समस्या का हल निकाला जाएगा।
लोगों का कहना है करोड़ों रुपए की लागत से कलेक्ट्रेट का निर्माण करवाया गया परन्तु एक सुलभ शौचालय तक नहीं बनवाया गया जिससे लोगों को सुविधा मिल सके लोगों ने कहा सार्वजनिक शौचालय न होने से ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली महिलाएं काफी परेशान रहती है लेकिन इस समस्या का प्रशासन के द्वारा आज तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है।