उत्तराखंड बना भ्रष्टाचार का अड्डा इस जिले में मनरेगा में हुआ बड़ा घोटाला 50 ग्राम विकास अधिकारी व मेट किए गए निष्कासित।

न्यूज़ 13 प्रतिनिधि हरिद्वार

हरिद्वार/ जिले में मनरेगा फर्जीवाड़े में ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू हो गई है चार विकास खंडों में 82 मेटों को काम से हटा दिया गया है। फर्जीवाड़े से जुड़ी पंचायतों के ग्राम विकास अधिकारियों और रोजगार सेवकों को नोटिस जारी किए गए हैं। इनकी संख्या 50 बताई जा रही है। मामले में कई अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। हरिद्वार जिले की कई ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्यों में बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा था। दरअसल मनरेगा के कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए पोर्टल बनाया गया है।

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इसमें प्रतिदिन सुबह शाम काम करते हुए मजदूरों की फोटो अपलोड करना अनिवार्य है। हरिद्वार जिले के नारसन, रुड़की, लक्सर, खानपुर, भगवानपुर और बहादराबाद विकास खंड में योजना के तहत चल कई गांव में एक ही फोटो कई कामों पर अपलोड करके श्रमिकों की ऑनलाइन हाजिरी लगाई गई। इनमें कुछ फोटो ऐसे भी थे जिनमें मई की गर्मी में मजदूरों ने गर्म कपड़े पहने हुए थे। कुछ फोटो में श्रमिक सूट पहनकर खड़े नजर आए। अधिकांश फोटो में श्रमिकों के पास कोई उपकरण नहीं था।

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इससे स्पष्ट था कि मौके पर नियमानुसार काम नहीं किया गया। फर्जी फोटो अपलोड करके मजदूरी का पैसा निकालने की आशंका है। ग्राम्य विकास सचिव ने हरिद्वार के मुख्य विकास अधिकारी को जांच सौंपी है। इसके बाद जिले के चार विकास खंडों से 82 मेटों को काम से हटा दिया गया है। 50 ग्राम विकास अधिकारियों और रोजगार सेवकों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि मनरेगा में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा चल रहा था।

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