चमोली/ बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऑल वेदर रोड परियोजना के कार्य से निकले मलबे के निस्तारण के लिए एनएचआईडीसीएल को जगह नहीं मिल पा रही है। हालत यह है कि डंपिंग जोन भर गए जिसके चलते राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे जगह-जगह मलबे के ढेर लगे हुए हैं। और अब यात्रा शुरू होने में एक महीने से भी कम वक्त रह गया है। अगर इस मलबे का शीघ्र निस्तारण नहीं किया गया तो यात्रा के दौरान वाहनों का दबाव बढ़ने से यहां आवाजाही में श्रधालुओं को दिक्कतें झेलनी पड़ेंगी।
ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर वर्ष 2018 से चौड़ीकरण का काम चल रहा है। इन दिनों नंदप्रयाग से कंचनगंगा तक (120 किमी) राजमार्ग का विस्तार किया जा रहा है। जगह-जगह हो रहे पहाड़ों के कटिंग कार्य से टनों मलबा निकल रहा है परन्तु इस मलबे के निस्तारण के लिए बदरीनाथ हाईवे पर जगह नहीं मिल रही है।नंदप्रयाग, चमोली, पीपलकोटी, पुरसाड़ी, मैठाणा, बाजपुर, हेलंग, क्षेत्रपाल, छिनका, पाखी, बिरही, मायापुर के साथ ही गडोरा में डंपिंग जोन भर गए हैं।
जिससे मलवे का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। बिरही चट्टान, क्षेत्रपाल, मायापुर, छिनका में भी राजमार्ग के किनारे टनों मलबा पसरा है। एनएचआईडीसीएल ने जिला प्रशासन को डंपिंग जोन के लिए जगह चिन्हित करने का आग्रह किया है ताकि समय पर मलबे का निस्तारण किया जा सके।वहीं एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग एवं ढांचागत विकास) के जीएम एसए उस्मानी ने कहा कि मलबे के निस्तारण के लिए जगह नहीं मिल पा रही है।
पुराने डंपिंग जोन भर गए हैं। अब प्रशासन से नए जगहों को चिन्हित करने के लिए कहा गया है। यात्रा से पहले मलबे का निस्तारण कर लिया जाएगा।चमोली से मायापुर के बीच कुछ जगहों पर डंपिंग जोन के लिए जगह चिन्हित की गई हैं। भूमि की जांच की जा रही है।
क्लीयरेंस मिलने पर यहां मलबे का निस्तारण किया जाएगा। नंदप्रयाग में हाईवे से लगी भूमि पर मलबे का निस्तारण करने के लिए भूमि चयनित कर दी गई है। एनएचआईडीसीएल को पुराने डंपिंग जोन के किनारे दीवार निर्माण कर दोबारा यहां मलबा डालने के लिए कहा गया है।