मेरठ/ मेरठ में दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोमवार रात 12.30 बजे लूट करने के बाद बदमाश तीन घंटे तक शहर में घूमते रहे। बदमाश कंकरखेड़ा से टीपीनगर, रेलवे रोड, ब्रहमपुरी, लिसाड़ी गेट, देहली गेट और सदर बाजार थाने की सीमा से निकले परन्तु पुलिस सोती रही। बदमाशों ने जली कोठी में रात को दो बजे चाय पी और वहीं पर गाड़ी की नंबर प्लेट भी बदली।
इसके बाद जब बदमाशों ने घिरने पर गोलियां चलाईं तो पुलिसकर्मियों के हाथ भी बंध गए। किसी ने जवाबी फायरिंग नहीं की। अगर फायरिंग की जाती तो बदमाश पकड़े जाते।कंकरखेड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एचआर गार्डन रिजॉर्ट के बाहर सोनू सैनी से सेंट्रो लूटने के बाद बदमाश राष्ट्रीय राजमार्ग से होते हुए बागपत रोड पहुंचे। जीपीएस से पता चला कि यहां से टीपीनगर थाने के सामने होते हुए माधवपुरम होते हुए खत्ता रोड, कबाड़ी बाजार से होते हुए जली कोठी पर पहुंच गए। यहां से बच्चा पार्क वाले रास्ते में एक खोखे पर बदमाशों ने चाय पी।
यहीं पर गाड़ी पर लगी दिल्ली नंबर की प्लेट डीएल4सी-बीए-2286 को बदलकर मेरठ नंबर की यूपी15-एक्यू-1941 प्लेट लगाई। इसके बाद वे फिर से सदर बाजार इलाके से होते हुए श्रद्धापुरी फेस-2 के पीछे लाला मोहम्मदपुर नाला रोड पर पहुंच गए। सुबह 3.40 पर उन्होंने गाड़ी नाला रोड पर रोक रखी थी। इसी बीच जीपीएस की लोकेशन के जरिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर चौकी इंचार्ज मुन्नेश सिंह कसाना, हेड कांस्टेबल परवेंद्र मलिक, कांस्टेबल रविंद्र उ कांस्टेबल सचिन खैवाल मौके पर पहुंचे तो गाड़ी बैक
करते समय पुलिस की गाड़ी से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई। बदमाशों ने जब पुलिस पर फायरिंग की तो पुलिसकर्मियों ने कोई जवाबी फायरिंग भी नहीं की। सेंट्रो लूट की वारदात की सूचना चौकी इंचार्ज मुन्नेश सिंह ने किसी को नहीं दी। उन्हें लगा कि सेंट्रो बरामद करने के बाद ही अधिकारियों को सूचना देंगे। अगर समय से बदमाशों के बारे में सूचना दे दी जाती तो जीपीएस लोकेशन के जरिए वे पकड़े जा सकते थे। बदमाश गाड़ी लूटने के लिए पैदल ही पहुंचे। इसके बाद जिस तरह से वे दोबारा कंकरखेड़ा इलाके में गए उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि बदमाश आसपास के ही हैं। पुलिस को भ्रमित करने के लिए वे शहर में घूमते रहे ताकि पुलिस अगर सीसीटीवी चेक करे तो वे पकड़ में न आएं।
मुन्नेश सिंह कसाना पुत्र दीवान सिंह आगरा के चित्राहट थाना क्षेत्र के ग्राम बलियापुरा के रहने वाले हैं। फिलहाल वे पत्नी बच्चों के साथ कंकरखेड़ी की यूरोपियन स्टेट कॉलोनी में किराए पर रहते हैं। मुन्नेश सिंह 1993 में पीएसी में आरक्षी पद भर्ती हुए। विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वर्ष 2013 में वे दरोगा बने। एक साल पहले उनकी पोस्टिंग गाजियाबाद से मेरठ हुई। गाजियाबाद में वे भोजपुर थाना प्रभारी रहे। मेरठ में बिजली बंबा चौकी इंचार्ज रहे।