चौखुटिया/ वंचित राज्य आंदोलनकरियो को चिन्हित करने,भू-कानून,1950के आधार पर मूल निवास,स्थाई राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति ने शुक्रवार को तहसील मुख्यालय पर धरना दिया।नारेबाजी के साथ प्रर्दशन कर प्रदेश मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। शीघ्र कार्यवाही करने की मांग की। तय हुआ कि लोकसभा चुनाव के बाद जून माह के प्रथम सप्ताह से निर्णायक आंदोलन शुरू किया जाएगा ।इस दौरान गांवों में जनसंपर्क किया जायेगा।
राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों ने तहसील मुख्यालय पर एकजुट होकर प्रर्दशन के साथ नारेबाजी की तथा धरना दिया। प्रदेश मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। आंदोलनकारियो ने नाराजगी जताते हुए कहा कि चयनित आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है ।तथा वंचित राज्य आंदोलनकारियो को चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग उठाई। कहां बार-बार धरना प्रदर्शन के बावजूद भी वंचित राज्य आंदोलनकारियो को प्रमाण होने के बाद भी चयनित नहीं किया जा रहा है।
नाराजगी जताते हुए आंदोलनकारियो को चिन्हित करने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू नहीं की गई मजबूरन जून माह से आंदोलन करने की चेतावनी दी। इसके अलावा आंदोलनकारियो ने स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाने , भू कानून लागू करने व 1950 के आधार पर मूल्य निवास प्रमाण पत्र जारी करने की मांग भी की गई ।धरना-प्रर्दशन व ज्ञापन सौपने में राज्य आंदोलनकारी संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष परमानंद कांडपाल, भू -कानून संघर्ष समिति के अध्यक्ष
भुवन कठायत, गैैैैरसैण से पहुंचे राजधानी संघर्ष समिति के संयोजक नारायण सिंह बिष्ट, भगवत सिंह रावत , मदन कुमयां , जीवन सिंह , कला कांडपाल , मनोज सिंह , गणेश दत्त, गजेंद्र सिंह बिष्ट ,भगवती देवी, जोगुली देवी ,जगत सिंह मनराल, दयासागर मासीवाल, जगत सिंह बौरा, कुन्दन सिंह आदि रहे। मुख्य मांगे रही
आंदोलनकारी ने प्रदेश मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में वंचित राज्य आंदोलनकारियो को शीघ्र चिन्हित करने, चयनित आंदोलनकारी को 10 फीसदी आरक्षण राज्यपाल से स्वीकृति देने, प्रदेश में सशक्त भू -कानून, मूल निवास 1950 के आधार पर लागू करने, गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी घोषित करने,
प्रदेश मैं विधानसभा सीटों का परिसीमन भौगोलिक आधार पर करने, चयनित राज्य आंदोलनकारियों के सहवर्तियों को गंतव्य तक यात्रा सुविधा, सरकारी अतिथि विश्राम गृह में रहने की सुविधा, खस्ताहाल सड़कों, नहरों ,सिंचाई , स्वास्थ्य की सुविधा मुहैया कराने, आवारा, जंगली जानवरों ,बंदरों ,लंगूरों की रोकथाम करने की मांग की गई है।