चंपावत/मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा लगभग 3 साल पहले देवीधूरा मे सुतेरा से सील गांव तक सड़क निर्माण की घोषणा ककी गई थी जो आज सिर्फ घोषणा ही रह गई है जिसके चलते अब सील गांव के ग्रामीणों में काफी आक्रोश है क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता रमेश सिंह ने कहा मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी सड़क निर्माण कार्य नहीं कराया गया।
ग्रामीण सरकारी कार्यालयो के धक्के खाते-खाते हार गए हैं मुख्यमंत्री से लेकर जिलाधिकारी के दरबार में गुहार लगा चुके हैं परन्तु सुनने वाला कोई नहीं आज भी ग्रामीण सड़क तक पहुंचने के लिए 8 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पैदल पार करने को मजबूर है लेकिन अधिकारियों को उनकी कोई परवाह नहीं है।
वही सील गांव के बुजुर्ग दिवान सिंह ने आपबीती सुनाते हुए कहा गांव में सड़क न होने का खामियाजा उन्हें अपने 10 वर्षीय पोते की जान देकर चुकाना पड़ा समय से इलाज न मिलने के कारण उसकी असमय मौत हो गई क्योंकि सड़क तक मरीज को पहुंचाने के लिए ग्रामीणों को 8 किलोमीटर की दूरी डोली के सहारे पैदल तय करनी पड़ती है जिसमें काफी समय बर्बाद होता है गांव के कई मरीज इस कारण अपनी जान गवा चुके हैं।
ग्रामीण रमेश ने बताया अधिकारी सड़क निर्माण कार्य की बात पर अपने कार्यालयों के चक्कर कटवा रहे हैं सड़क निर्माण का कार्य मुख्यमंत्री की घोषणा के 3 साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया रमेश सिंह ने बताया इस बार समस्त ग्रामीणों ने अपने चुनाव बूथ में लोकसभा चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया है तथा किसी भी प्रत्याशी व अधिकारी को गांव में न घुसने दिया जाएगा उन्होंने कहा जब अधिकारी मुख्यमंत्री की नहीं सुन रहे तो उनकी कहां सुनेंगे ग्रामीणों ने कहा जब वे लोग सरकार चुनने में अपना सहयोग करते हैं।
और उन्हें सड़क जैसी मूलभूत सुविधा नहीं मिल रही है तो ऐसी सरकार चुनकर उन्हें क्या फायदा इसलिए वे लोग इस बार चुनाव बहिष्कार करने जा रहे हैं वही अधिकारी लोग सड़क निर्माण कार्य में आपत्ति लगने की बात करते नजर आ रहे हैं वहीं दूसरी ओर सील गांव के बच्चे भी 5 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करके स्कूल जाने को मंजूर हैं।