लोहाघाट/ ग्रामीण कस्बाई क्षेत्रों में लगातार आबादी का घनत्व बढ़ने के कारण यहां के लोगों को बुनियादी सुविधाएं पाना मुश्किल होता जा रहा है। इन स्थानों में राजकीय डिग्री कालेज से लेकर जीआइसी, अस्पताल आदि सुविधाएं तो है, लेकिन पथ प्रकाश, स्वच्छता, मूत्रालय जैसी बुनियादी सुविधाऐं नहीं हैं।
उदाहरण के लिए पाटी को ही लें, यहां ब्लाक मुख्यालय के आलावा उप जिला अधिकारी कार्यालय,डिग्री कालेज,इंटर कालेज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पशु चिकित्सालय आदि तमाम कार्यालय हैं। लेकिन अभी तक यह क्षेत्र ग्राम पंचायत के अधीन ही आता है। इस ग्राम पंचायत को सरकार द्वारा समान्य ग्राम पंचायतों की तरह बजट मिलता है। इन कार्यालयों में लोग रोजमर्रा के कामों के लिए भी आते रहते हैं, जिससे यहां आबादी का दबाव बढना स्वाभाविक है।
लोहाघाट। ग्राम प्रधान मीना पचौली का कहना है कि पाटी की लगातार आबादी बढती जा रही है। इसी के साथ यहां नागरिक समस्यायें भी पैदा होती जा रही हैं। सरकार को चाहिए कि वह शहर का रुप लेती ग्राम पंचायतों को बुनियादी सुविधाएं देने के लिए विशेष बजट का प्रावधान किया जाना चाहिए।
पाटी को दिया जाए नगर पंचायत का दर्जा:-
लोहाघाट। व्यापार संघ के अध्यक्ष गोपेश पचौली का कहना है कि पाटी को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने के बाद ही नागरिक समस्याओं का स्थाई समाधान किया जा सकता है। पूर्व में विधायक बीना महराना ने बकायदा नगर पंचायत का जीओ भी जारी करवा दिया था। बाद में किसने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया?
हर हाल में दिया जाए पाटी को नंगर पंचायत का दर्जा:-
लोहाघाट। सामाजिक कार्यकर्ता राजू बोहरा का कहना है कि पाटी दिनों- दिन एक विकसित नगर के रूप में उभरता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग लगातार अपने बच्चों को पढाने के लिए यहां बसते जा रहे हैं।अब यहां पाटी को हर हाल में नगर पंचायत का दर्जा दिया जाना चाहिए।