लोहाघाट/ इसको वन विभाग की घोर लापरवाही कहा जाय या जंगलराज लाखों रुपए की संपत्ति का कोई सुध लेवा नहीं है। विभाग की विरान पड़ी संपत्तियों पर असामाजिक तत्वों ने डेरा डाला हुआ है। लोगों का आरोप है।
कि यहां असामाजिक व आवारा लोगों का ऐसा अड्डा बना हुआ है कि यहां से लोग इधर-उधर जाने का तक साहस तक नहीं कर पाते हैं। पहले इन भवनों में वन विभाग का रिसर्च रेंज कार्यालय हुआ करता था। जहां कर्मचारियों के बकायदा आवास भी बने हुए हैं।
लगभग तीन साल पहले यहां से रिसर्च रेंज कार्यालय पिथौरागढ़ शिफ्ट किए जाने के बाद यहां की संपत्ति प्रभागीय वनाअधिकारी चंपावत को सौंप दी गई परन्तु डीएफओ कार्यालय द्वारा इन संपत्तियों का अधिकार तो प्राप्त कर लिया लेकिन इनकी देखरेख करने के बजाय इन्हें लावारिस अवस्था में छोड़ दिया गया।