पौड़ी में पशुपालकों पर कहर बरपा रहा है गुलदार 17 बकरियों को उतारा मौत के घाट ग्रामीणों में दहशत।

न्यूज 13 प्रतिनिधि पौड़ी गढ़वाल

पौड़ी/ जिले की पौड़ी तहसील स्थित मनियारस्यूँ पश्चिमी पट्टी के दो गांवों में गुलदार और अन्य अज्ञात जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है शुक्रवार तड़के ओलना गांव और धारी गांव में हुए दो अलग-अलग घटनाओं में कुल 17 बकरियों की मौत हो गई जबकि कई लापता बताई जा रही हैं। इन घटनाओं से ग्रामीणों में भारी आक्रोश और भय का माहौल है।
ओलना गांव में 3 बकरियों की मौत 3 लापता

गढ़वाल वन प्रभाग की नागदेव रेंज के अंतर्गत आने वाले ओलना गांव में पशुपालक त्रिलोक सिंह की गौशाला का दरवाज़ा तोड़कर अज्ञात जानवर ने रात के समय हमला कर दिया।

यह भी पढ़ें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून को भराडीसैण में आयोजित होगा कार्यक्रम।जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा।

ग्राम प्रधान मोहन सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि इस हमले में तीन बकरियों की मौके पर मौत हो गई जबकि तीन अन्य बकरियां लापता हैं। त्रिलोक सिंह की आजीविका पूरी तरह बकरी पालन पर निर्भर है जिससे वह मानसिक रूप से बहुत परेशान हैं।
धारी गांव में गुलदार ने फिर मचाया तांडव 14 बकरियों की मौत

उसी क्षेत्र के धारी गांव में दरवान सिंह पुत्र सोहनलाल की बकरियों पर गुलदार ने हमला करके 14 बकरियों को बाड़े में ही मौत के घाट उतार दिया। यह दूसरी बार है जब दरवान सिंह को इस तरह की क्षति उठानी पड़ी है।

यह भी पढ़ें 👉 बागेश्वर, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी बागेश्वर कर्नल डॉ. सुबोध शुक्ला को विजिलेंस टीम ने 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों किया गिरफ्तार।

इससे पहले 6 जनवरी को भी गुलदार ने उनके बाड़े में घुसकर 14 बकरियों को मार डाला था।
वन विभाग का आश्वासन ग्रामीणों की मांग

घटना की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पंचनामा तैयार किया गया।

यह भी पढ़ें 👉 उत्तराखंड पंचायत चुनाव के बोटर लिस्ट में बहुत बड़ी गड़बड़ी इस गांव में रहते हैं केवल 2 परिवार बोटर लिस्ट में हैं 122 लोगों के नाम हाईकोर्ट ने सख्त जांच के दिए राज्य सरकार को निर्देश।

डीएफओ अनिरुद्ध स्वप्निल ने बताया पीड़ितों को जल्द मुआवज़ा दिया जाएगा और क्षेत्र में गश्त को और अधिक सख्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुलदार की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। वहीं ग्रामीणों ने गुलदार को जल्द पकड़ने और स्थायी समाधान की मांग की है। उनका कहना है कि पहाड़ में स्वरोजगार के एकमात्र साधन बकरी पालन पर लगातार हो रहे हमलों से ग्रामीण हताश हो चुके हैं।

चार दिन पहले भी हुई थी घटना

गौरतलब है कि चार दिन पूर्व भी इसी क्षेत्र के दिउसी गांव के समीप अर्जुन सिंह नेगी की तीन बकरियों को गुलदार ने मार डाला था। लगातार हो रही घटनाओं से स्पष्ट है कि जंगली जानवरों का आतंक अब एक गंभीर समस्या बन चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *