उत्तराखंड पंचायत चुनाव के बोटर लिस्ट में बहुत बड़ी गड़बड़ी इस गांव में रहते हैं केवल 2 परिवार बोटर लिस्ट में हैं 122 लोगों के नाम हाईकोर्ट ने सख्त जांच के दिए राज्य सरकार को निर्देश।

न्यूज 13 प्रतिनिधि नैनीताल

नैनीताल/ उत्तराखंड में आगामी पंचायत चुनावों को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। नैनीताल हाई कोर्ट ने राज्य पंचायत चुनाव 2025 से पहले मतदाता सूची में सामने आई गड़बड़ियों की गहन जांच करने के निर्देश दिए हैं।

यह भी पढ़ें 👉 सरकार ने कैंची धाम में जाम से निजात नहीं दिलाई तो कांग्रेस करेगी कमिश्नरी व मुख्यमंत्री आवास का घेराव करन माहरा।

देहरादून जिले के एक गांव में केवल दो परिवार निवास कर रहे हैं लेकिन पंचायत की बोटर लिस्ट में 122 नाम दर्ज हैं।

नैनिताल हाईकोर्ट ने छह सप्ताह में जांच पूरी करने के आदेश

वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने यह आदेश महिपाल सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिका में कहा गया कि ग्राम सभा बड़ौत के सतेला गांव में केवल दो ही परिवार रह रहे हैं और शेष लोग रोजगार की तलाश में गांव छोड़ चुके हैं।

यह भी पढ़ें 👉 उत्तराखंड में आए कोरोना संक्रमण के दो मामले स्वास्थ्य विभाग अलर्ट।

इसके बावजूद चुनावी रजिस्टर में 122 लोगों के नाम दर्ज होना प्रशासन की गंभीर चूक को दर्शाता है। हाई कोर्ट ने जिलाधिकारी देहरादून द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी को निर्देश दिए हैं कि वे छह सप्ताह के अंदर इस मामले की जांच पूरी कर गलत नामों को बोटर लिस्ट हटाएं।

सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग का आरोप

याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि मतदाता सूची के इस फर्जी आंकड़े का उपयोग करके सरकारी योजनाओं का गलत तरीके से लाभ उठाया जा रहा है। गांव के केवल दो वास्तविक परिवारों को सरकारी योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल रहा है।

यह भी पढ़ें 👉 द्वाराहाट के पूर्व विधायक को पुलिस के बाद अदालत ने भी दुष्कर्म व धमकी के मामले में दी क्लीन चिट।

जबकि योजनाओं का फंड फर्जीयो के नाम पर निकाला जा रहा है।

पंचायत चुनावों की पारदर्शिता पर सवाल

इस पूरे प्रकरण से आगामी पंचायत चुनावों की पारदर्शिता पर भी सवाल उठे हैं। यदि वक्त रहते इस गड़बड़ी को ठीक नहीं किया गया तो साफ सुथरे चुनाव कराना मुश्किल हो सकता है। याचिका में मांग की गई है कि पंचायत चुनावों से पहले पूरे राज्य की वोटर लिस्ट का पुन सत्यापन किया जाए ताकि वास्तविक मतदाताओं को ही मतदान का अधिकार मिल पाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *