चौखुटिया >> भू -कानून मूल निवास को लेकर नारेबाजी के साथ निकला जुलूस-प्रर्दशन, की सभा।

न्यूज़ 13 प्रतिनिधि गणेश जोशी चौखुटिया:-

चौखुटिया/ प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू करने, 1950 के आधार पर मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर अनेक संगठनों से जुड़े सदस्यों,युवाओं, आम जनता ने मुख्य बाजार में वृहद जुलूस निकालकर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रर्दशन,नारेबाजी के साथ आरती घाट पर सभा की।आन्दोलनकारियों ने हिमाचल की तर्ज पर भू कानून लागू करने व संविधान के व्यवस्था के अनुरूप 1950 के आधार पर मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने की मांग उठाई, कहा चौखुटिया से उठी आंदोलन की चिंगारी पूरी प्रदेश में निर्णायक बनेगी।

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पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जौरासी- कर्णप्रयाग चौराहे से गनाई, चांदीखेत लगभग 2 किलोमीटर बाजार क्षेत्र में नारेबाजी के साथ जुलूस निकला गया। जुलूस में विभिन्न आंदोलनकारी संगठनों से जुड़े सदस्य, युवा, छात्र नेता बैनर, तख्तियों के साथ भू कानून व मूल निवास की मांग कर रहे थे। जुलूस,प्रदर्शन के बाद आरती घाट पर हुई सभा में वक्ताओं ने प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू करने की वकालत करते हुए कहा कि सशक्त भू -कानून लागू नहीं होने व मूल निवास की जड़ में यहां के जमीनों की खरीद -फरोख्त के साथ युवाओं को वेरोजगार बनाने की साजिश है। आंदोलनकारी ने कहा संविधान में 1950 के आधार पर हर राज्य का मूल निवास मौलिक अधिकार है लेकिन उत्तराखंड में संविधान की भी परवाह इन राज्य विरोधी सरकारों को नहीं है।

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राज्य बनने के बाद से सरकारों द्वारा सशस्त्र भू कानून लागू नहीं करने के पीछे उनकी मन्सा पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं।तथा राज्य की वेशकीमती भूमि बाहरी लोगों द्वारा खरीदी जा रही है उत्तराखंड का मूल निवासी धीरे-धीरे अल्पसंख्यक होते जा रहा है साथ ही लगातार पलायन भी बढ़ रहा है वक्ताओं ने हिमाचल की तर्ज पर भू -कानून, 1950 के आधार पर मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने की मांग उठाई, कहा आज अपने ही प्रदेश में यहां के निवासी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि इन मुद्दों को व्यापक परिपेक्ष में समझने की आवश्यकता है तथा उत्तराखंड में व्यापक भूमि सुधार कानून के बिना इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता है।

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बक्ताओ ने गैरसैंण को शीघ्र स्थाई राजधानी का दर्जा देने ,वंचित राज्य आंदोलनकारियो को चिन्हित करने सहित क्षेत्र की उपेक्षा पर नाराजगी जताई तथा लगातार बढ़ते पलायन को गांवों के लिए चिंता जनक बताया।
ये रहे मौजूद सभा,जुलूस, प्रर्दशन,नारेबाजी में मुख्य रूप से संयोजक भुबन कठायत, राकेश बिष्ट, सुनील टम्टा ,गजेंद्र नेगी, हिमांशु बिष्ट, भोपाल बोरा, राजेंद्र नेगी, भोपाल सिंह रावत, आनंद सिंह, आनंद नाथ ,प्रकाश उपाध्याय ,राम बहादुर ,पूर्व छात्र अध्यक्ष विनोद कुमार ,विपिन शर्मा ,बालम नेगी, क्षेपस अशोक कुमार, राजेन्द्र काण्डपाल,दिगम्बर नेगी,राजेंद्र बोरा ,नवीन कुमार , भगवत सिंह,सुन्दर लाल, हीरा नेगी ,मनोहर सिंह ,नरेंद्र मेहरा, धीरज नेगी , परमानंद कांडपाल ,रीतेश किरौला,

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मनोज सिंह,हरीश मैनाली,कुलदीप मेहरा,मदन कुमया,आनन्द किरौला,भवानी राम,गिरीश पाण्डे, कैलाश गैरौला आदि रहे।

जुलूस में विभिन्न संगठनों की भागीदारी
चौखुटिया, रैली में आयोजक मंडल के सदस्यों सहित धनगढ़ी पुल बनाओ संघर्ष समिति, राज्य आंदोलनकारी संगठन, वन यूके संगठन,गेवाड़ सुधार समिति, छात्र संगठन,क्षेत्र पंचायत सदस्य ,ग्राम प्रधान,व्यापारी, सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित आम जनता ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की।

जनगीतों की रही गूज
जुलूस में लस्का कमर बांदा, हिम्मत का साथा, आज हिमाला हमून कै धत्यौं छौ जागो जागो ओ मेरे लाल , चाहे तुम दिल्ली रछा या रैछा देहरादून आ जाओ पहाड़ दाज्यू मांगू भू कानून गीतों के साथ जल ,जंगल ,जमीन हमारी, नहीं चाहिए ऐस तुमारी,सुन ले दिल्ली ,देहरादून हमें चाहिए भू कानून जैसे नारे आंदोलनकारियों द्वारा लगाये जा रहे थे।

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