पौड़ी/ उत्तराखंड महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला शनिवार को पौड़ी पहुंची। यहां उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ एसएसपी कार्यालय का घेराव किया और पत्रकार आशुतोष नेगी की रिहाई के साथ अंकिता को न्याय दिलाने का मुद्दा उठाया। इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प भी हुई।
कांग्रेस के कार्यकर्ता लगभग दो घंटे तक एसएसपी कार्यालय के बाहर डटे रहे। इस बीच ज्योति रौतेला ने कहा कि दिवंगत अंकिता भंडारी के परिजन न्याय की मांग के लिए सड़कों पर हैं। दुसरी ओर अंकिता भंडारी के परिजनों की आवाज को उठाने वाले पत्रकार आशुतोष नेगी को पुलिस ने जेल भेज दिया है। आशुतोष नेगी इस लड़ाई में शुरू से अंकिता भंडारी के परिजनों का साथ दे रहे है। ज्योति रौतेला का आरोप है कि अंकिता भंडारी केस के खुलासे के लिए गठित की गई एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) अब तक उस वीआईपी का पता नहीं लगा पाई है जिसके लिए अंकिता पर दवाब बनाया जा रहा था।
साथ ही ज्योति रौतला का कहना है कि एसआईटी ने अभी तक हत्या के पहले की कॉल रिकॉर्डिंग तक भी नहीं खंगाली है। ज्योति रौतेला ने साफ किया है कि जब अंकिता भंडारी को इंसाफ नहीं मिल जाता है तब तक कांग्रेस इस लड़ाई को लड़ती रहेगी।पौड़ी जिले के श्रीकोट डोभ निवासी अंकिता भंडारी्यमकेश्वर स्थित वंत्रा रिसॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी जो 18 सितंबर 2022 को अचानक रिजॉर्ट से लापता हो गई थी। इसके बाद वंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। ताकि अंकिता के परिजनों को गुमराह कर पाए।
इसी बीच 24 सितंबर को अंकिता भंडारी का शव चीला नहर से बरामद हुआ। आरोप है कि वंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर के साथ मिलकर अंकिता भंडारी को चीला नहर में धक्का दे दिया था जिससे अंकिता भंडारी की जान चली गई। इसके अलावा पुलकित आर्य पर आरोप ये भी है कि वो रिजॉर्ट में अंकिता से गलत काम करवाना चाहता था जिस पर अंकिता ने मना कर दिया था। ऐसे में अंकिता का मना करना ही उसकी मौत की वजह मानी जा रही है।