हल्द्वानी, दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदुषण का खामियाजा त्योहारों के सीजन भुगतना पड़ेगा उतराखंड में आने-जाने वाले यात्रियों को, डीजल बसों की दिल्ली में नो एंट्री।
हल्द्वानी, दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदुषण का खामियाजा त्योहारों के सीजन भुगतना पड़ेगा उतराखंड में आने-जाने वाले यात्रियों को, डीजल बसों की दिल्ली में नो एंट्री।
हल्द्वानी/ दिल्ली एनसीआर में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है जिसके चलते लोगों को सांस लेने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली में डीजल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली में प्रदूषण का लेवल 400 से भी ऊपर चल रहा है प्रदूषण के चलते हल्द्वानी काठगोदाम से दिल्ली के लिए संचालित होने वाली डीजल बसों का संचालन भी बंद कर दिया गया है
हल्द्वानी व काठगोदाम से दिल्ली के लिए जाने वाली लगभग 25 डीजल बसों का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है अब उनकी जगह सीएनजी बसों को दिल्ली भेजा जा रहा है बसों का संचालन बंद होने से त्यौहारों के सीजन में यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है परिवहन निगम के अधिकारियों के अनुसार हल्द्वानी से रोजाना 40 से 50 बसों का संचालन दिल्ली के लिए किया जाता था जिसमें से आधी बसें डीजल से चलती हैं अब दिल्ली के लिए 24 सीएनजी बसें चलाई जा रही है अधिकारियों के अनुसार हल्द्वानी काठगोदाम से लगभग 2000 यात्री प्रतिदिन बसों में सफर करते हैं दिल्ली में डीजल बसों को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है
और जो डीजल बस दिल्ली पहुंच रही है उनका ₹25000 का चालान काटा जा रहा है जिसके चलते डीजल बसों के संचालक पर रोक लगा दी गई है बसों के संचालक को लेकर 15 दिन पहले से दिल्ली सरकार की ओर से पत्र जारी कर दिया गया था लेकिन इस पत्र में उत्तराखंड का नाम न होने से यहां के परिवहन अधिकारी बेफिक्र रहे लेकिन जैसे ही दिल्ली में डीजल बसें पहुंची तो उनके 25 हजार के चालान काट दिए गए जिसके बाद अधिकारी नींद से जागे अब इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है और दिल्ली आने जाने के लिए लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।