हल्द्वानी/ शराब के कारोबार को कभी धन के साथ ही वर्चस्व का कारोबार माना जाता था परन्तु इस पेशे में घाटा होने से शराब कारोबारी दुकानों के आवंटन में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं जिसका नतीजा है कि नए वित्तीय वर्ष में कुमाऊं मंडल में 83 शराब दुकानों को ठेकेदार ही नहीं मिले संयुक्त आबकारी आयुक्त कुमाऊं मंडल केके कांडपाल ने बताया प्राथमिकता के तौर पर पुराने दुकानदारों को ही दुकानें आवंटित करने की कार्रवाई चल रही है परन्तु कई दुकानों के अभी तक आवंटन नहीं हुआ है।
कुमाऊं मंडल में 295 अंग्रेजी व देसी शराब की दुकानें हैं जिसके सापेक्ष में इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 212 दुकानें का व्यवस्थापन हो चुका है जबकि 83 दुकानों का अभी भी व्यवस्थापन होनी हैं केके कांडपाल ने बताया कि पूर्व में जिन दुकानदारों द्वारा शराब की दुकानों के लिए टेंडर डाले गए थे संभवत: घाटा होने के कारण इस बार दुकानों को नहीं चलाना चाह रहे हैं परन्तु सरकार द्वारा राजस्व की प्राप्ति के मद्देनजर डेली वेज पर दुकानों को देने का काम चल रहा है।
जिससे राजस्व घाटा ना हो
उन्होंने बताया कि
अल्मोड़ा जिले में 26
उधम सिंह नगर 30
पिथौरागढ़ 12
नैनीताल में 11
बागेश्वर 3
जबकि चंपावत में एक दुकान के लिए ठेकेदार अभी तक नहीं मिले हैं उन्होंने बताया कि कुमाऊं मंडल के शराब की दुकानों में से 962 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है
उन्होंने बताया कि बाकी बचे दुकानों को व्यवस्थापन करने का प्रयास किया जा रहा है बताया जा रहा है कि पूर्व के दुकानदारों द्वारा कारोबार में घाटे के चलते वर्तमान समय दुकानों को नहीं ले रहे हैं वर्तमान समय में दैनिक आधार पर दुकानों को देने का काम चल रहा है ठेकेदार दुकानों को नहीं लेता है तो उसके बाद टेंडर की कार्रवाई की जाएगी।