देहरादून/ उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मसूरी – देहरादून विकास प्राधिकरण के द्वारा आम और विस्थापित क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माणों को सील किया गया था। परन्तु बिल्डर और भू माफिया सील को तोड़कर निर्माण कार्य कर रहे थे जिस पर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के द्वारा मुकदमा – दर्ज कराया गया है। सील तोड़कर बिल्डिंगों में निर्माण करने वालों में साक्षी महाराज का नाम भी शामिल है जिनके विरुद्ध आईडीपीएल चौकी में मुकदमा दर्ज करवाया गया है।ऋषिकेश में अवैध निर्माण पर एमडीडीए की कार्रवाई के बावजूद भी बिल्डिंग माफिया के हौसले बुलंद है वे प्राधिकरण के सील तोड़कर अवैध निर्माण धड़ल्ले से कर रहे है। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद एमडीडीए के द्वारा 5 लोगों के खिलाफ सील तोड़ने से संबंधित धाराओं में आईडीपीएल चौकी में मुकदमा दर्ज कराया है हालांकि इन सबके बावजूद भी निर्माण कार्य अभी भी जारी है।
उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश पर मसूरी- देहरादून विकास प्राधिकरण के द्वारा आम बाग और विस्थापित क्षेत्र में कल 57 अवैध निर्माणों को सील किया गया था जिनमें से अधिकतर सील टूट चुकी है और निर्माण कार्य चल रहा है।
एमडीडीए ने द्वारा खानापूर्ति करते हुए पांच लोगों के खिलाफ ही कार्रवाई की गई है। ऐसे में एमडीडीए की कार्यशैली पर लगातार प्रश्न चिन्ह लग रहे है। विस्थापित जनकल्याण समिति के अध्यक्ष हरि सिंह भंडारी ने साफ तौर पर कहा कि एमडीए की मिलीभगत से ही अवैध निर्माण किया जा रहे है।
एमडीडीए के सहायक अभियंता सुरजीत सिंह रावत ने बताया कि उन्होंने हाल ही में चार्ज संभाला है। जिसके बाद सील बिल्डिंगों पर निर्माण कार्य की शिकायत मिलते ही उन्होंने आईडीपीएल चौकी में संबंधित पांच निर्माणधीन भावनो के स्वामियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है।
वही मुकदमा दर्ज हो गए पांच भवन स्वामी में से एक भवन स्वामी के द्वारा पुनः निर्माण करने का प्रयास किया गया जिसको बंद करवा कर पुनः सील लगाई गई है। साथ ही सचिव और उपजिलाधिकारी को धवस्तीकरण की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी की गई है।
इन पर हुआ मुकदमा दर्ज
विस्थापित क्षेत्र में सीलिंग के बावजूद निर्माण कर रहे साक्षी महाराज, मंजुला पटेल, मुकेश जैन, कृष्णा और मनोज नाम के भवन स्वामियों पर 441, 442 और 448 धारा मुकदमा दर्ज गया है।