हरिद्वार/ एक दुष्कर्म पीड़िता को नाबालिग दिखाने के लिए उसके मां-बाप ने जन्म प्रमाण पत्र का फर्जीवाड़ा कर डाला। परन्तु प्रमाण पत्र की प्रमाणिकता जांचने के लिए पुलिस ने जब अस्पताल से संपर्क किया तो खेल पकड़ में आ गया। अब पुलिस ने पीड़िता के मां-बाप और फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले मनी ट्रांसफर सेंटर संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामला सिडकुल क्षेत्र का है।
थानाध्यक्ष मनोहर सिंह भंडारी ने बताया कि बीते नवंबर माह में एक किशोरी का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले की जांच महिला उपनिरीक्षक मनीषा नेगी को सौंपी गई थी। परिजनों ने पीड़िता को नाबालिग बताते हुए गाजियाबाद के सरकारी अस्पताल से बना जन्म प्रमाण पत्र सौंपा था। प्रमाण पत्र के अनुसार पीड़िता की उम्र 14 साल दर्शाई गई थी। पुलिस ने जांच के दौरान प्रमाण पत्र को सत्यापित करने के लिए गाजियाबाद के सरकारी अस्पताल में संपर्क साधा। तो पता चला कि उन्होंने प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है।
इतना ही नहीं, रजिस्ट्रार जन्म एवं मृत्यु जिला कम्बाइण्ड चिकित्सालय गाजियाबाद की स्टाम्प व जारी करने वाले प्राधिकारी के हस्ताक्षर भी फर्जी पाए गए। पीड़िता की मां ने कबूला कि सिडकुल में विकास मनी ट्रांसफर ऑनलाइन सर्विस नाम की दुकान पर फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया गया था। एसओ सिडकुल मनोहर सिंह भंडारी ने बताया कि पीड़िता के माता-पिता व सेंटर संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले में जल्द कार्रवाई की जाएगी।