न्यूज़ 13 ब्यूरो/ बिहार के किशनगंज से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ 62 वर्षीय मोहम्मद कलीमुद्दीन को उसके ही परिवार के सदस्यों ने इस बात के लिए जिन्दा जला डाला कि उसके पास छिपा हुआ खजाना है।यह दिल दहलाने वाली घटना 15 अगस्त की शाम बहादुरगंज थाने के अंतर्गत आने वाले दुलाली गांव में हुई।
रिपोर्ट के मुताबिक कथित तौर पर एक स्थानीय तांत्रिक ने 62 वर्षीय व्यक्ति के परिवार को यह विश्वास दिलाया कि कलीमुद्दीन के पास एक गुप्त खजाना है जिसमें धन के साथ ही अमूल्य आभूषण शामिल हैं। परिवार के सदस्य कलीमुद्दीन पर छिपाई गई संपत्ति का पता बताने के लिए दबाव डालते रहे परन्तु वह बार-बार इसके बारे में कुछ भी जानने से इनकार करता रहा जिससे उसके रिश्तेदार नाराज हो गए। अंततः स्वतंत्रता दिवस की रात कलीमुद्दीन को पुराने कपड़ों में लपेटा गया पेट्रोल छिड़का गया और आग लगा दी गई। उसकी चीख-पुकार सुनकर आसपास के ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़े परन्तु जब तक वे पहुंचे उसकी मौत हो चुकी थी।
बहादुरगंज पुलिस ने सूचना पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और भयावह घटना की परिस्थितियों के बारे में परिवार से पूछताछ करने के लिए घटनास्थल पर पहुंची बहादुरगंज पुलिस स्टेशन की सब-इंस्पेक्टर पुष्पा कुमारी ने कहा कि उनके एक बेटे ने हमें बताया कि उन्होंने उसे जलाकर मार डाला क्योंकि इससे उनका घर सोने और गहनों से भर जाएगा। उन्होंने कहा कि यह अंधविश्वास से जुड़ा मामला है। उन्होंने उल्लेख किया कि परिवार का प्रत्येक सदस्य मानसिक रूप से बीमार प्रतीत होता है। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि एक स्थानीय बाबा ने मृतक के परिवार के सदस्यों को यह विश्वास दिलाकर धोखा दिया था कि पीड़ित एक दफन खजाने का मालिक था जो सोने और अनमोल आभूषणों से भरा हुआ था। इसके बाद परिजन कलीमुद्दीन पर खजाने के गुप्त स्थान का पता बताने के लिए दबाव बनाने लगे।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि खजाने के बारे में न बता पाने पर कलीमुद्दीन के परिवार के सदस्य क्रोधित हो गए और उसे पुराने कपड़े में लपेटकर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। उसकी चीख सुनकर स्थानीय लोग वहां पहुंचे लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। शव पुलिस को मिला जिसने बाद शव परीक्षण के लिए भेज दिया। अधिकारियों के मुताबिक बूढ़े व्यक्ति का दूसरा बेटा जो राज्य से बाहर काम करता था के जल्द ही लौटने की उम्मीद है। पुलिस ने बताया हम इस मामले में औपचारिक प्रथम सूचना एफआईआर दर्ज होने के बाद ही कार्रवाई करेंगे। हम पीड़ित के दुसरे बेटे के आने का इंतजार कर रहे हैं।