सल्ट/ यहां क्षेत्र के बौड़तल्ला गांव में गुलदार ने दो लोगों पर दिनदहाड़े हमला कर घायल कर दिया। दोनों घायलों को भौनखाल चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रामनगर रेफर किया गया। शुक्रवार की शाम करीब 4 बजे दिनेश रावत निवासी बौड़तल्ला अपनी बकरियां चरा रहे थे कि तभी झाड़ियों में छुपे एक गुलदार ने दिनदहाड़े उसकी बकरियों पर हमला कर दिया। बकरियों को बचाते समय गुलदार दिनेश पर भी झपट पड़ा, दिनेश ने किसी तरह भागकर एक पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई।
गुलदार के इस हमले में दिनेश के पैरों में पंजे लगने से वह बुरी तरह घायल हो गया। दिनेश ने हल्ला- गुल्ला करने पर आसपास से ग्रामीण इकठ्ठा हो गए, इसी बीच दिनेश को बचाने पहुंचे ग्रामीणों में से एक ग्रामीण जगत सिंह पर गुलदार ने फिर हमला बोल दिया। गुलदार द्वारा उसके मुंह और दोनों हाथों पर पंजे और दाँत मारते ही जगत सिंह के हाथ और मुँह से खून की धार बहने लगी, किसी तरह ग्रामीणों और वहाँ मौजूद दो वन कर्मियों ने हल्ला-गुल्ला कर गुलदार को भगाया।
ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में गुलदार का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों का जंगल से लकड़ी और घास लाना भी दूभर हो गया है। गुलदार के आतंक से ग्रामीणों और मवेशियों को खतरा पैदा हो गया है। पहले तो जंगली जानवर मवेशियों पर हमला करते थे लेकिन अब इंसानों को निवाला बनाने के लिए दिनदहाड़े झपट रहे हैं।
दिनेश और जगत ने बताया कि एक दिन पहले ही गांव में गुलदार ने एक बकरी मारी थी, जिसकी सूचना वन विभाग को देने के बाद दो वन कर्मी भी क्षेत्र में गश्त कर रहे थे और घटना के वक्त घटनास्थल पर मौजूद थे, लेकिन उनके पास किसी भी तरह के बचाव के संसाधन नहीं थे। ग्रामीणों ने हल्ला-गुल्ला कर ही गुलदार को भगाया। क्षेत्र में गुलदार की बढ़ती गतिविधि से ग्रामीणों में भय का माहौल है। ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना देकर गश्त बढ़ाने, कैमरा तथा पिंजरा लगाने के साथ ही घायलों को मुआवजे देने की मांग की है।
रेंजर मोहान, अल्मोड़ा वन प्रभाग गंगा शरण ने बताया कि ट्रेप कैमरे लगाकर गुलदार की गतिविधियों पर नज़र रखी जायेगी, एक दो दिन की गतिविधियों के डाटे के साथ उच्चाधिकारियों को पिंजरा लगाने की अनुमति के लिए भी लिखा जायेगा। साथ ही ग्रामीणों को जागरुक कर उन्हें जंगल और झाड़ियों वाले इलाके में नहीं जाने के लिए कहा जाएगा, क्षेत्र में लगातार गश्त की जायेगी।