वनाग्नि की घटनाओं को रोके या चुनाव करवाए, वन महकमे ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखा पत्र।

न्युज 13 प्रतिनिधि देहरादून

 देहरादून/ लोकसभा चुनाव को देखते हुए आजकल पूरी सरकारी मशीनरी चुनावी ड्यूटी में जुटी हुई है निर्वाचन आयोग अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों को भी इस ड्यूटी में लगा रहा है ऐसे में समस्या वन विभाग के सामने खड़ी हो रही है एक तरफ चुनाव की ड्यूटी की जिम्मेदारी दी जा रही है तो वहीं दूसरी ओर जंगलों में आग की घटनाओं से निपटना भी महकमे के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है शायद यही कारण है की दोहरी जिम्मेदारियों को लेकर चिंतित विभाग के अधिकारियों ने अब मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा लिखा है।

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उत्तराखंड में गर्मियों का सीजन शुरू होत ही फायर सीजन की शुरुआत भी हो गई है वन विभाग 15 फरवरी से 15 जून तक के समय को फायर सीजन के रूप में मानता है और इस बीच विभाग के कर्मचारियों की वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए ड्यूटी भी लगाई जाती है परन्तु इस बर्ष लोकसभा चुनाव होने के चलते वन विभाग के सामने बड़ी दुविधा खड़ी हो गई है दरअसल जनपदों में जिलाधिकारी द्वारा वन विभाग के कर्मचारियों की भी चुनाव के लिए ड्यूटी लगाई जा रही है।

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 जबकि फायर सीजन होने के चलते कर्मचारी अब जंगलों में भी आग बुझाने के लिए वन विभाग द्वारा तैनात कर दिए गए हैं लोकसभा चुनाव में जिलों में लग रही ड्यूटी से वन विभाग के कर्मचारियों को अलग रखने का आग्रह वन विभाग द्वारा किया गया है इसके लिए पीसीसीएफ बीपी गुप्ता ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम को पत्र लिखकर विभाग के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी में ना भेजे जाने के लिए जिलाधिकारी को निर्देशित करने के लिए कहा है।

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इसके अलावा निर्वाचन की ड्यूटी के लिए भी तमाम विभागों की गाड़ियों को उपयोग में लाया जा रहा है वन विभाग की मांग है कि वन क्षेत्र में कर्मचारियों को इन वाहनों की आवश्यकता होती है लिहाजा इन गाड़ियों को भी निर्वाचन ड्यूटी के लिए ना भेजा जाए उत्तराखंड में इस बार जंगलों में आग की घटनाओं के बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है इसकी वजह इस बार मौसम के वक्त से पहले गर्म होने को बताया गया है हालांकि इसके संकेत पहले ही मिलने लगे हैं और गर्मी के सीजन से पहले ही जंगलों में आग की घटनाएं भी रिकॉर्ड की जाने लगी हैं।

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 हालांकि इस मामले में पहले भी वन विभाग के कर्मचारियों को निर्वाचन की ड्यूटी में ना रखे जाने पर सहमति जताई गई थी लेकिन जिला स्तर पर इन आदेशों को फिलहाल दरकिनार किया जा रहा है वन विभाग में प्रशासन की जिम्मेदारी देख रहे बीपी गुप्ता ने इस पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखे जाने की पुष्टि की है।

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