चमोली/ जिला मुख्यालय गोपेश्वर के नजदीक नेगवाड़ में देर रात हुई भारी बारिश के चलते मलवा आने से कई वाहन मलबे में दब गए जिसके बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और आपदा प्रबंधन के साथ नगर पालिका प्रशासन को सूचना दी स्थानीय लोगों का कहना है कि 4:00 बजे पुलिस के वाहन द्वारा अलर्ट किया गया था इसके बाद सभी लोग यहां पर पहुंचे परन्तु आपदा प्रबंधन और जिला प्रशासन की ओर से कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति मौके पर नहीं पहुंचा।
उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजमार्ग बद्रीनाथ केदारनाथ मार्ग पर जो जालियां लगाई गई है वहीं आपदा का कारण बन रही हैं और पूर्व में भी नगरपालिका और एनएच को स्थानीय लोगों ने द्वारा सूचित किया गया था इसके बावजूद भी सड़क से जालिया नहीं हटाई गयी जिसका खामियाजा आज नगर वासियों को झेलना पड़ रहा है लोगों की नाराजगी है कि जिला मुख्यालय में सुबह 4:00 बजे जो घटना हुई थी और उसी समय पुलिस और स्थानीय लोगों द्वारा प्रशासन को सूचना दी गई थी परन्तु 3 घंटे बाद भी ना तो जैसीबी पहुंचा और नहीं कोई अधिकारी कर्मचारी मौक पर पहुंचा उनका कहना है।
कि जब जिला मुख्यालय में आपदा के वक्त इस तरह के हालात हैं तो फिर चमोली जिले के विषम भौगोलिक परिस्थितियों में रहने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आपदा के दौरान क्या स्थिति होती होगी इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।