नैनीताल/ उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा व अन्य के द्वारा नगर निगम की नजूल भूमि में बिना नक्शा पास किए पांच मंजिला व्यवसायिक भवन बनाए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने समय पर शपथ पत्र पेश नहीं करने पर हरिद्वार विकास प्राधिकरण पर 50 हजार का जुर्माना लगाते हुए शपथपत्र पेश करने को कहा है। साथ में कोर्ट ने बत्रा की दूसरी कम्पाउंडिंग एप्लीकेशन पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 4 सप्ताह बाद की तिथि नियत की है।
मामले के अनुसार रुड़की निवासी मुकेश गोयल ने जनहित याचिका दायर करते हुए कहा है कि रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा व अन्य ने नगर निगम की नजूल भूमि पर अतिक्रमण करके पांच मंजिला व्यवसायिक भवन का निर्माण कर दुकानों को किराए पर दिया जा रहा है। जब इसकी शिकायत जिला विकास प्राधिकरण से की गई तो इन्होंने इसको कम्पाउंड कराने हेतु प्रार्थना पत्र दिया। कम्पाउंड कराते वक्त प्राधिकरण ने शर्त यह रखी कि तीन मंजिला से अधिक निर्माण नहीं किया जाएगा बेसमेंट में पचास फीसदी पार्किंग व पचास फीसदी व्यवसायिक कार्य हेतु उपयोग किया जाएगा
और तीसरी मंजिल में रेजिडेंशियल बनाओगे परन्तु इसकी आड़ में इनके द्वारा पांच मंजिला व्यवसायिक निर्माण कर दिया साथ ही दुकानें बनाकर उसे किराए पर दिया जा रहा है। चौथी व पांचवी मंजिल को कम्पाउंड कराने के लिए इनके द्वारा फिर से प्रार्थना पत्रा दिया गया जिसको लेकर मंगलवार को कोर्ट में फर से चुनौती दी गयी।