अल्मोड़ा/ अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल के तहत तीसरे दिन कला व संस्कृति का संगम रहा। इस मौके पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हुए। पुस्तकों के विमोचन के साथ ही साहित्य की विभिन्न विधाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में नगर ही नहीं दूरदराज के क्षेत्रों से पहुंचे प्रतिभागियों ने भी हिस्सा लिया।
मल्ला महल में रविवार को कार्यक्रम की शुरूआत डा. रवि जोशी की हिंदुस्तानी संगीत की प्रस्तुति से हुई। इसके बाद अलग- अलग सत्रों में विभिन्न साहित्यिक विषयों पर चर्चा की गई। इन विषयों में मेरी जीवन यात्रा, अल्मोड़ा जेल का इतिहास, द लिविंग टेंपल्स आफ कुमाऊं, हेरीटेज आन स्टेज आदि शामिल रहे। इस मौके पर कारवां का शौक है व अल्मोड़ा की अन्ना पुस्तकों का भी विमोचन किया गया। अंग्रेजी कविता पाठ भी हुआ।
जिसमें मधु राघवेंद्र, सिद्धार्थ वारियर, प्रो. सैयद हामिद व सुगंधा दास ने अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।
इस मौके पर उत्तराखंड की लोक संस्कृति पर आधारित अनेक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गई। आखिर में संगीत संध्या का भी आयोजन हुआ। ग्रीन हिल्स संस्था की सचिव डा. वसुधा पंत ने बताया कि इस फेस्टिवल का आयोजन लोक कला व साहित्य के संरक्षण के उददेश्य को लेकर किया गया।
इस मौके पर होटल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजेश बिष्ट, जयमित्र सिंह बिष्ट, बसंती बिष्ट, भूपेंद्र बल्दिया, रवि जोशी, डा. इरा पांडे, नीलोत्पल मृणाल, प्रो. अनिल जोशी, कर्नल रवि पांडे, रमोला बुटालिया, हिमांशु जोशी एडवोकेट संजय अग्रवाल आदि मौजूद रहे।