देहरादून/ कांग्रेसी नेता व पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत को पाखरो पेड कटान मामले में सुप्रीम कोर्ट से लगा तगड़ा झटका उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत और तत्कालीन डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर किशन चंद को सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इन दोनों ने खुद को ही कानून मान लिया था और नियमों की उपेक्षा करते हुए जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में बड़ी संख्या में पेड़ कटवा दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किशन चंद पर संगीन आरोप होते
हुए भी वन मंत्री हरक सिंह रावत ने जबरन उन्हें डीएफओ
नियुक्त करवाया था। पूरा मामला नेता और नौकरशाहों की
मिलीभगत का उदाहरण है।
इस मामले में आगे टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा की सीबीआई पहले से जांच कर रही है। वह दूसरे लोगों की भूमिका की भी जांच करे और तीन महीने में स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपे। सुप्रीम कोर्ट ने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के बफर जोन में टाइगर सफारी बनाने की भी मंजूरी दी है। कोर्ट ने कहा है कि विस्तृत आदेश में इसके लिए जरूरी शर्तें बताई जाएंगी। माना जा रहा है।
कि इस मामले में दोनों को जल्द सजा सुनाई जाएगी वही प्रदेश के वर्तमान वन मंत्री सुबोध उनियाल के मुताबिक इस मामले में जों भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला होगा उसका पालन किया जाएगा उनके मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने 6 महीने में जांच पूरी करने के आदेश दिए है सीबीआई के साथ ही विभागीय जांच भी चल रही है सबको देखते हुए जों सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय होगा उसका पालन किया जाएगा।