उत्तराखंड में यहां खस्ता हाल स्वास्थ्य व्यवस्था की भेंट फिर चढ़ गए जच्चा-बच्चा , कहानी वही पुरानी परिक्षण के बाद भर्ती होने की सलाह, फिर हायर सेंटर के लिए रेफर, परिणाम वहीं जो होते आ रहा है जच्चा-बच्चा की मौत।
उत्तराखंड में यहां खस्ता हाल स्वास्थ्य व्यवस्था की भेंट फिर चढ़ गए जच्चा-बच्चा , कहानी वही पुरानी परिक्षण के बाद भर्ती होने की सलाह, फिर हायर सेंटर के लिए रेफर, परिणाम वहीं जो होते आ रहा है जच्चा-बच्चा की मौत।
टिहरी/ जिले के प्रतापनगर तहसील से बड़ी दुःखद घटना सामने आ रही है यहां प्रसव पीड़ा होने पर एक महिला को समय पर सही उपचार न मिलने के कारण जच्चा-बच्चा दोनों मौत हो गई। कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश राणा से प्राप्त जानकारी के मुताबिक तहसील प्रतापनगर के पट्टी भदुरा के रोणीया ओनाल गांव निवासी 28 वर्षीय देवकी देवी पत्नी मोहन सिंह राणा सामान्य प्रसव पीड़ा होने पर घर से चलकर सड़क पर आई और गाड़ी में बैठकर लमगांव चौड़ अस्पताल पहुंची।
परिजनों के मुताबिक वहां पर संबंधितों द्वारा प्राथमिक परीक्षण के बाद उन्हें वहीं पर रुकने की सलाह दी गई और कहा कि जल्दी प्रसव हो जाएगा 4:30 घंटे बीतने पर जब महिला को ज्यादा दर्द हुआ तब अस्पताल प्रशासन ने यह कहकर उन्हें रेफर कर दिया की बच्चे की हार्टबीट बहुत कम चल रही है आनन फानन में सीधा महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया परिजनों द्वारा देवकी को तत्काल एंबुलेंस के माध्यम से जिला चिकित्सालय नई टिहरी के लिए लाया जा रहा था देवकी मात्र आधे घंटे का सफर ही तय कर पायी थी की चांटी गांव के समीप जच्चा बच्चा दोनों ने दम तोड़ दिया उसके बाद उन्हें जिला चिकित्सालय बौराडी लाया गया। ऐसा नहीं की देवकी देवी का यह पहला प्रसव हो उन्हें पहले भी दो बेटियां एक 7 वर्ष की एक 5 वर्ष की सामान्य प्रसव से हुई है।
आखिर कब तक उत्तराखंड में इस तरह बहू बेटियां स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण अपनी जान देती रहेगी जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा ने जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित से दूरभाष पर बात कर मामले की गंभीरता को समझते हुए उक्त प्रकरण की मजिस्ट्रियल जांच करने का अनुरोध किया साथ ही वीडियोग्राफी के साथ तीन सदस्यीय डॉक्टरों की कमेटी से पोस्टमार्टम करनी की मांग की जिससे उक्त प्रकरण की सच्चाई सबके सामने आ सके और दोषियों को दंडित किया जा सके।साथ ही कहा कि देवकी देवी की दो बेटियों के भरण पोषण एवं लालन पालन शिक्षा दीक्षा की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग प्रशासन ले ।