उत्तराखंड में यहां से 500 परिवारों को हटाने के मामले में उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के उच्चाधिकारी तलब।

न्यूज़ 13 प्रतिनिधि नैनीताल

नैनीताल/ उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कालागढ़ डैम के नजदीक वन और सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध रूप से रह रहे चार से पांच सौ परिवारों को हटाए जाने संबंधी जनहित याचिका में वास्तविकता को जानने के लिए यू.पी. के चीफ सैकेट्री, उत्तराखंड फाइनेंस सैकेट्री, यू.पी.और उत्तराखंड रैवेन्यू सेकेट्री को निर्देश दिए हैं कि वे 21 मार्च को वीसी के माध्यम से न्यायालय में उपस्थित हों।

यह भी पढ़ें 👉 खानपुर विधायक के घर पर फायरिंग करने वाले पूर्व विधायक को मिली जमानत।

उच्च न्यायालय के पूर्व के आदेश पर जिलाधिकारी आशीष चौहान की रिपोर्ट में कहा गया कि वहा पर तीन तरह के लोग निवास कर रहे हैं। इनमें कुछ कर्मचारी अभी कार्य कर रहे हैं कुछ रिटायर हैं और उनके परिजन तथा बाकि मजदूर दुकानदार, ठेकेदार व माल सप्लायर हैं।

यह भी पढ़ें 👉 उत्तराखंड में शराब की नई दुकानों की आवंटन की तारिख हुई घोषित इन दो उत्तराखंड में शराब की नई दुकानों की आवंटन की तारिख हुई घोषित इन दो तारीख में होगी लाटरी। में होगी लाटरी।

रिपोर्ट में कहा गया कि इनको विस्थापित करने के लिए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। कहा गया कि इसमें यू.पी. सरकार की भी भूमि है उनकी भी अनुमति लेनी आवश्यक है। न्यायालय ने उत्तराखंड समेत यू.पी. सरकार के अधिकारियों को वीसी के माध्यम से उपस्थित होने को कहा।मामले के मुताबिक कालागढ़ जन कल्याण उत्थान समिति ने उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दायर करके कहा कि तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने 1960 में कालागढ़ डैम बनाने के लिए वन विभाग की कई हजार हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करके सिंचाई विभाग को दे दी।

यह भी पढ़ें 👉 महिला व युवती के साथ अश्लील हरकत करने वाला भाजपा के पार्षद पर पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज पार्टी ने दिखाया बाहर का रास्ता।

कहा गया कि जो भूमि डैम बनाने के बाद बचेगी उसे वन विभाग को वापस किया जाएगा। डैम बनने के बाद कई हैक्टेयर भूमि वापस की गई परन्तु शेष बची भूमि पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों और अन्य लोगों ने कब्जा कर दिया।अब राज्य सरकार 213 लोगो को विस्थापित कर रही है जबकि वे भी दशकों से उसी स्थान पर रह रहे हैं। उन्हें हटाने का नोटिस दिया गया है लिहाजा उनको भी अन्य की तरह विस्थापित किया जाय।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *