न्यूज़ 13 प्रतिनिधि देहरादून
देहरादून/ उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विवादित बयान के बाद मुख्यमंत्री धामी को अपना त्यागपत्र दे दिया है जिससे राज्य की सियासी हालात में नया मोड़ आया है। इस इस्तीफे के बाद धामी मंत्रिमंडल में विस्तार की चर्चाएं भी जोर पकड़ने लगी हैं। सूत्रों के अनुसार इस बार कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल किए जाने की संभावना है।
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मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार की अटकलें और तेज हो गई हैं। यह कोई नई बात नहीं है क्योंकि राज्य में धामी मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा लंबे वक्त से चल रही थी। 2022 में जब पुष्कर सिंह धामी की सरकार दोबारा सत्ता में आई तब तीन मंत्री पद रिक्त रखे गए थे। इसके बाद कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन से एक और पद खाली हो गया था। अब अग्रवाल के इस्तीफे के बाद कैबिनेट में कुल पांच सीटें खाली हो गई हैं जो एक नए मंत्रिमंडल विस्तार का संकेत देती हैं। उत्तराखंड की विधानसभा में कुल सदस्य संख्या के हिसाब से कैबिनेट में 15 प्रतिशत मंत्री हो सकते हैं। इस लिहाज से मुख्यमंत्री सहित कुल 12 मंत्री हो सकते हैं। इसका मतलब है कि आगामी कैबिनेट विस्तार में कुछ नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है।
अब नए क्षेत्रों को मिलेगा प्रतिनिधित्व
वर्तमान में गढ़वाल मंडल से चार मंत्री हैं जबकि कुमाऊं से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और दो मंत्री हैं। परन्तु कुछ प्रमुख क्षेत्रों जैसे उत्तरकाशी,
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चमोली, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और नैनीताल अब तक मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व से वंचित रहे हैं। इन क्षेत्रों के विधायकों को अब उम्मीद है कि इस बार उन्हें मंत्री पद मिल सकता है।
किसे मिलेगा मौका
धामी मंत्रिमंडल में वर्तमान में पौड़ी जिले से सतपाल महाराज और धन सिंह रावत, देहरादून से प्रेमचंद अग्रवाल और गणेश जोशी, टिहरी से सुबोध उनियाल, अल्मोड़ा से रेखा आर्या, और उधम सिंह नगर से सौरभ बहुगुणा कैबिनेट मंत्री हैं। अब, प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद इन सीटों में से एक सीट खाली हो गई है। उधम सिंह नगर से सौरभ बहुगुणा कैबिनेट मंत्री हैं। अब, प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद, इन सीटों में से एक सीट खाली हो गई है। वहीं, उत्तरकाशी,
हरिद्वार, पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल, चमोली और रुद्रप्रयाग जैसे जिलों से अभी तक कोई मंत्री नहीं है, जो इन क्षेत्रों के विधायकों के लिए मंत्री पद की उम्मीदों को बढ़ा रहा है।
बीजेपी की योजनाः केंद्रीय नेतृत्व से विचार-विमर्श
बीजेपी के बड़े लीडरों ने कहा है कि प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से विचार-विमर्श चल रहा है। इस बयान से साफ है कि पार्टी विस्तार को लेकर एक रणनीति पर काम कर रही है, और जल्द ही नए मंत्रियों का चयन किया जाएगा।अब सवाल यह है कि आखिरकार इन क्षेत्रों में से किसे इस बार मंत्रीमंडल में जगह मिलेगी और क्या नए चेहरों के साथ कैबिनेट का स्वरूप बदलेगा यह देखना दिलचस्प होगा।