भू वैकुंठ धाम श्री बद्रीनाथ के लिए गाडू घड़ा कलश यात्रा हुई रवाना।

न्यूज़ 13 प्रतिनिधि टिहरी

नरेन्द्र नगर/ करोड़ों हिंदुओं की आस्था के प्रतीक भू- बैकुंठ धाम बदरीनाथ के लिए गाडू घड़ा (अभिषेक तेल कलश) यात्रा विधि- विधान और पूजा- अर्चना के बाद राज दरबार से शुरू हो गई। राज दरबार में टिहरी राजवंश की महारानी व सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, राजकुमारी श्रीजा सहित सुहागिन महिलाओं ने तिलों के तेल को पिरोया।

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श्री डिमरी धार्मिक पंचायत के पदाधिकारियों ने गाडू घड़ा लेकर श्री बदरीनाथ धाम के लिए प्रस्थान किया। ऋषिकेश स्थित चेला चौतराम धर्मशाला में रात्रि विश्राम के बाद आज यात्रा श्रीनगर के लिए रवाना होगी। बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को प्रातः 7 बजकर 10 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जांएगे।

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बुधवार को टिहरी राजवंश के नरेंद्रनगर राज दरबार में पूर्जा- अर्चना के साथ सुहागिन महिलाओं ने भगवान बद्रीनाथ के अभिषेक के लिए तिलों का तेल पिरोया। राजपुरोहित पंडित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। भगवान के अभिषेक के लिए तेल पिरोने के बाद अपराह्न को टिहरी नरेश महाराजा मनुज्येंद्र शाह ने 1000 बत्तियों के साथ दिव्य आरती कर गाडू घड़ा डिमर पंचायत के सदस्यों को सौंपा।

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पंडित उनियाल ने कहा कि भगवान बदरी विशाल के अभिषेक के लिए तैयार तिलों के तेल में कई प्रकार की दिव्य औषधियों का भी मिश्रण किया जाता है। धार्मिक अनुष्ठान के बाद गाडू घड़ा यात्रा के साथ ही बदरीनाथ धाम यात्रा का आगाज हो गया। गाडू घड़ा लेकर डिमरी पंचायत समिति के लोग ऋषिकेश के लिए रवाना हुए।

इस अवसर पर टिहरी सांसद महारानी मालाराज्य लक्ष्मी शाह, डिमरी धार्मिक पंचायत के अरूण डिमरी, राकेश डिमरी, संजय डिमरी, जॉनी डिमरी, मंदिर समिति के सदस्य आशुतोष डिमरी, भाष्कर डिमरी, दीपक डिमरी आदि उपस्थित रहे। डिमरी धार्मिक पंचायत के सदस्यों ने बताया कि 13 अप्रैल को गाडू घड़ा यात्रा ऋषिकेश से श्रीनगर गढ़वाल के लिए प्रस्थान करेगी। जहां डालमिया धर्मशाला में रात्रि विश्राम करेगी।

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14 अप्रैल को सुबह पूजा- पाठ और प्रसाद वितरण के बाद गाडू घड़ा यात्रा श्रीनगर से कर्णप्रयाग होते हुए लक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर पहुंचेगी जंहा लगभग 10 दिन यात्रा विश्राम करेगी। 24 अप्रैल को यात्रा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ से निकलकर पांडुकेश्वर से गाडू घड़ा यात्रा बदरीनाथ धाम पहुंचेगी। और 27 अप्रैल को प्रातः 7 बजकर 10 मिनट पर पूजा-पाठ के बाद श्री बदरीनाथ धाम के कपाट श्रधालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।

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