चम्पावत/ जिले के लोहाघाट नगर व ग्रामीण क्षेत्रो में पीने के पानी को लेकर मचे हाहाकर को देखते हुए लोगों के सामने पहला विकल्प सरयू लिफ्ट पेयजल योजना के रूप में सामने आ रहा है। लोहाघाट नगर के साथ ही समीपवर्ती गांवो में जनसंख्या का लगातार दवाब बढता आ रहा है।
लोहाघाट नगर क्षेत्र में शिक्षण संस्थानों का उच्च शैक्षिक स्तर होने के चलते ग्रामीण क्षेत्रो से नौकरपैशा, फ़ौजी, शिक्षक आदि तमाम लोग अपने बच्चों की पढ़ाई व बेहतर भविष्य के लिए लगातार परिवार सहित यहां बसते जा रहे है। यहां के स्वस्थ सामाजिक वातावरण को देखते हुए यहां हर व्यक्ति की बसने प्रबल इच्छा रहती है।लोहाघाट नगर अब पूरी तरह पैक हो गया है। अब लोंगो ने समीपवर्ती गावो की ओर बसने के लिए रुख कर दिया है।
अब अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से लोग यहां आकर स्थाई रूप से बसने लगे है।यहां की आबादी में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए पेयजल संकट दिनों दिन गहराता जा रहा है।
क्षेत्रीय विधायक खुशाल सिंह अधिकारी ने तो विधायक बनने के बाद से ही नगर तथा ग्रामीण क्षेत्रो की गंभीर पेयजल समस्या से उन्हें निजात दिलाने के लिए सरयू लिफ्ट पेयजल योजना का निर्माण कर इस समस्या का स्थाई समाधान करने के लिए सरकार से अनुरोध करते आ रहे है मुख्यमंत्री द्वारा भी इस मांग को अपनी घोषणा में शामिल किया हुआ है। नगर की बढ़ती हुई आबादी के बावजूद जलसंस्थान नगर की आवश्यकता के मुताबिक एक चौथाई भी पेयजल उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। इससे लोंगो को हो रही दिक्कतों का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
नगर पालिका के चेयरमैन गोविंद वर्मा ने तो जलसंस्थान के अधिकारियों की नाक में दम करके रखा है परन्तु जलसंस्थान पानी लाए तो लाए कहां से इस समस्या को लोग भी अच्छी तरह जानते है। आये दिन अंधाधुंध तरीके से लोग धरती को भेद कर जलधारा तो निकालते जा रहे है परन्तु सवाल यह खड़ा होता है कि अवैज्ञानिक तरीके से भूगर्भीय जल का जिस तरीके से दोहन किया जा रहा है।
इस पर दूरगामी पहलुओं को देखते हुए विचार तो अवश्य किया जाना चाहिए लोहाघाट नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के पेयजल किल्लत को देखते हुए सरयू लिफ्ट पेयजल योजना को जिसकी घोषणा भी हुई है उसको युद्धस्तर पर क्रियान्वयन शुरू करने की नितांत आवश्यकता है जिससे लोहाघाट नगर व ग्रामीण इलाको में पेयजल किल्लत को दूर किया जा सके।