अल्मोड़ा/ कभी घर की चौखट के अंदर सिमट कर रहने वाली बेटियां अब देश की सीमा की सुरक्षा में सबसे आगे निकल रही है।हल्द्वानी की दीक्षा मेहता ऐसी ही होनहार बेटियों में से एक हैं। एफएमसी पुणे से पास आउट होने के बाद वे भारतीय सेना का हिस्सा बन गईं हैं।
एफएमसी से भारतीय सेना में जाने वाले अधिकारी स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवाएं देते हैं। दीक्षा मेहता बतौर लेफ्टिनेंट भारतीय सेना का हिस्सा बनी हैं। दीक्षा का परिवार मूलरूप से अल्मोड़ा के महत गांव का रहने वाला है। उनकी स्कूली शिक्षा हल्द्वानी में हुई। साल 2016 में हाईस्कूल करने के बाद दीक्षा ने हल्द्वानी से इंटर की पढ़ाई पूरी की।दीक्षा के पिता प्रीतम सिंह मेहता भी भारतीय सेना का हिस्सा रहे हैं और अब रिटायर हो गए हैं।मां कमला मेहता गृहणी हैं।
पिता को सेना की वर्दी में देख दीक्षा ने ये ठान लिया था कि बड़े होने पर वो भी भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगी। अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए दीक्षा ने खूब मेहनत की और पहले प्रयास में ही एफएमसी परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। वर्तमान में दीक्षा मेहता का परिवार हल्द्वानी के भगवानपुर तल्ला में रहता है।
दीक्षा ने अपनी सफलता से साबित कर दिया कि अगर मन में ठान लिया जाए तो असंभव लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है। दीक्षा जैसी बेटियों की वजह से अन्य बेटियों को भी भारतीय सेना का हिस्सा बनने की प्रेरणा मिल रही है।