हल्द्वानी/ शहर की एक रिहायशी कालोनी में शनिवार की सुबह अफरातफरी की स्थिति पैदा हो गई। झाड़ियों में छिपे गुलदार पर लोगों की ओर से पत्थर मारे जाने पर वह भाग कर इस कालोनी में पहुंच गया। देखते ही देखते लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। ऐसे में वन विभाग के हाथ-पांव फूल गए। डीएफओ हिमांशु बांगरी सहित वन्यजीव चिकित्सक और रेंज टीम भी मौके पर पहुंच गई। लगभग छह घंटे तक चले रेस्क्यू अभियान के बाद गुलदार को बमुश्किल ट्रैंकुलाइज किया गया। उपचार के बाद गुलदार को घने जंगल में छोड़ दिया गया।
जंगल से सटे इलाकों में लगातार वन्यजीवों का मूवमेंट देखने को मिल रहा है। वन क्षेत्राधिकारी नवीन रौतेला ने बताया कि सुबह छह बजे सूचना मिली थी कि प्रेमपुर लोश्ज्ञानी के समीप झाड़ियों में एक गुलदार छिपा है। मौके पर पहुंचने पर गुलदार नजर भी आया। हल्द्वानी राजा रानी विहार में गुलदार की गर्दन पर ट्रेंकुलाइज गन से चिकित्सक द्वारा मारा गया डाट अजय कुमार टीम उसे पकड़ने की कोशिश करती इससे पहले कुछ लोगों ने पत्थर मारना शुरू कर दिया।
हड़बड़ाहट में गुलदार आगे की तरफ भाग गया। इसके बाद फिर एक झाड़ी में घुस गया लेकिन भीड़ फिर मानने को तैयार नहीं हुई।इसके बाद वह तेजी से निकलकर रिहायशी कालोनी राजा रानी विहार के अंदर घुस गया जिसके बाद मौके पर लोगों की भारी भीड़ भी जुट गई।
निर्माणाधीन भवन संग घरों की छत तक में लोग चढ़ गए। हंगामे के बीच वन विभाग के लिए रेस्क्यू अभियान चलाना और भी मुश्किल हो गया। इसके बाद वन विभाग ने जाल बिछाने के साथ ट्रैंकुलाइज टीम को भी तैयार किया लेकिन गुलदार ने वनकर्मियों पर ही हमला कर दिया। हमले में फारेस्टर सुरेंद्र सिंह और चालक कन्नू घायल हो गए। इसके बाद ट्रैंकुलाइज गन का निशाना लगने पर गुलदार बेहोश हुआ। 12 बजे के लगभग वन विभाग के साथ ही स्थानीय लोगों ने भी राहत की सांस ली।आबादी में गुलदार के पहुंचने के बाद वन विभाग के लिए संकट की स्थिति पैदा हो गई थी। गुलदार को सुरक्षित पकड़ने के साथ लोगों को भी उसके हमले से बचाना था लेकिन लगातार बढ़ रही भीड़ की वजह से दिक्कतें बढ़ती गईं।
इसके बाद भीड़ को कम करने के लिए लाठियां भी फटकारी गईं। पुलिस भी मौके पर पहुंची थी। गुलदारों की बढ़ती आबादी लोगों के लिए मुसीबत बन चुकी है। वन विभाग भी मान रहा है कि गुलदारों के इंसानी बस्ती में घुसने के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। कुत्ते व अन्य आसान भोजन की तलाश में गुलदार जंगल से सटे क्षेत्रों में अक्सर नजर आ रहे हैं। इससे लोगों के लिए संकट की स्थिति पैदा हो रही है।