खटीमा/ सुरई रेंज में झाड़ू की सीक बीनने गए ग्रामीण को बाघ ने अपना निवाला बना लिया। वन विभाग के कर्मियों को बाघ के मुंह से शव छुड़ाने के लिए 25 राउंड फायरिंग करनी पड़ी।उत्तर प्रदेश के पीलीभीत न्यूरिया हुसैनपुर महोफ गांव के 52 वर्षीय हरनंदन पुत्र मूलचंद अपनी पत्नी नन्नी देवी व दो अन्य लोगों के साथ सुरई रेंज में कक्ष संख्या 47बी में सीक बीनने गया था।
रविवार को लगभग 12 बजे अचानक बाघ ने हरनंदन पर हमला कर दिया जिसके बाद उसे जंगल में खीच कर ले गया। उसकी पत्नी नन्ही देवी जंगल से गांव की ओर चीखती पुकारती भाग पड़ी। इसकी सूचना उसने वन विभाग के वाचर जागन को दी।
बाघ के हमले की घटना से ग्रामीणों में दहशत
बाघ के हमले की घटना से आसपास के गांव में दहशत फैल गई है। वाचर ने सूचना वन क्षेत्राधिकारी आर एस मनराल को दी।
जिस पर वन क्षेत्राधिकारी स्वयं तत्काल डिप्टी रेंजर सतीश रेखाड़ी, वन दारोगा अजमत खान एवं अन्य वन कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। हरनन्दन को ढूंढने के लिए बख्तरबंद ट्रैक्टर मंगाया गया।बाघ के कब्जे से शव छुड़ाने के लिए करनी पड़ी 25 राउंड फायरिंग जंगल के 200 मीटर अंदर जाकर बाघ उसकी लाश के पास नजर आया।
बाघ को हरनंदन के पास से हटाने के लिए वन कर्मियों को 25 राउंड फायरिंग करनी पड़ी बमुश्किल दो घंटे बाद हरनंदन को बाघ के कब्जे से बरामद किया गया। परंतु तब तक हरनंदन की मौत हो गई थी। घटना की सूचना सत्रहमील पुलिस चौकी को दी गई। पुलिस ने पंचनामा भरने की कार्यवाही कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।