देहरादून/ उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने आज 6 जनवरी 2024 को विधानसभा के विशेष सत्र में समान नागरिक संहिता संबंधी विधेयक पेश किया है इससे संबंधित ड्राफ्ट बीते दिनों यूसीसी कमेटी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा था हम आपको उन सवालों के जवाब बताते हैं कि राज्य में यूसीसी लागू होने से क्या बदलेगा और क्या नहीं और इसका आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा।
बहु विवाह पर रोक पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं
शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी बिना रजिस्ट्रेशन सुविधा नहीं
यूसीसी लागू तो क्या होगा ?
हर धर्म में शादी तलाक के लिए एक ही कानून जो कानून हिंदुओं के लिए वही दूसरों के लिए भी बिना तलाक एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे मुसलमानों को 4 शादी करने की छूट नहीं रहेगी
यूसीसी से क्या नहीं बदलेगा ?
धार्मिक मान्यताओं पर कोई फर्क नहीं
धार्मिक रीति-रिवाज पर असर नहीं
ऐसा नहीं है कि शादी पंडित या मौलवी नहीं कराएंगे
खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर प्रभाव नहीं
बीजेपी ने किया था चुनावी वादा
वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में यूसीसी पर अधिनियम बनाकर उसे राज्य में लागू करना भी शामिल था वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड राज्य में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने का इतिहास रचने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने मार्च 2022 में सरकार गठन के तत्काल बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी
विपक्ष ने यूसीसी पर उठाए सवाल
यूसीसी की एक्सपर्ट्स कमेटी की रिपोर्ट पहले सदन में पेश की जानी चाहिए थी। ड्राफ्ट के अध्ययन को समय मिलना चाहिए। परन्तु सरकार द्वारा विपक्ष को वंचित किया जा रहा है।
आर्य ने प्रश्नकाल निलंबित होने पर कार्य संचालन नियमावली की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रश्न करने के अधिकार को खत्म किया जा रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष ने यूसीसी पर कही ये बात
स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने सदन को आश्वस्त किया कि यूसीसी विधेयक को चर्चा के बाद ही पारित किया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने यूसीसी विधेयक पेश किया। इससे पूर्व, X पर लिखे संदेश में सीएम ने कहा कि यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए गर्व का क्षण है कि हम यूसीसी लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने वाले देश के पहले राज्य के रूप में जाने जाएंगे।