देहरादून/ एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी के विधायक दुर्गेश्वर लाल राज्य के वन मंत्री के आवास के बाहर धरना देकर खुद के ऊपर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगा रहे थे। परन्तु दूसरे ही दिन विधायक के तेवर नरम नरम पड़ गए हैं। जिस तरह से उनके तेवर में बदलाव दिखाई दे रहा है उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि उन्होंने मामले को लगभग रफा-दफा कर दिया है।
ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि विधायक दुर्गेश्वर लाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से मुलाकात करने पहुंचे थे और मुलाकात के बाद वे जब बाहर आए तो उनके तेवर काफी नरम नजर आ रहे हैं। क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को लेकर उत्तरकाशी के पुरोला विधानसभा सीट से विधायक दुर्गेश्वर लाल राज्य के वन मंत्री से मिले। वन मंत्री के कक्ष से बाहर आकर उन्होंने अपनी नाराजगी जताई और वहीं पर धरने पर बैठ गए।
उनका कहना है कि वन मंत्री सुबोध उनियाल ने उनकी नहीं सुनी और उनके साथ अभद्रता कर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। अब विधायक खुद अपनी ही जुबान से कह रहे हैं कि जनता का कार्य होना चाहिए और उन्होंने यह संकेत दिया है कि अब मंत्री के साथ उनके कोई मतभेद नहीं है।