लोहाघाट/ आए दिनों चंपावत जिले के गांव व नगरों के ओर छोर में धार्मिक आयोजनों व महापुराण कथा के कारण पूरा वातावरण भक्ति भाव से सराबोर हैं। तमाम ऐसे स्थान हैं जहां पहली बार महापुराण कथा हो रही है। दिगालीचौड़ के मानाकोट में श्रीराम कथा का ऐसा भव्य आयोजन हुआ, जहां क्षेत्र के युवाओं ने यह साबित कर दिया कि भले ही वे बेरोजगार हैं लेकिन उनके लिए धर्म-कर्म जीवन की पहली सीढ़ी है। लोगों की धार्मिक भावनाएं बलवती होती जा रही हैं।
सनातन संस्कृति के ध्वजवाहक एबट माउंट के राजी शर्मा इसको अच्छा संकेत मानते हैं। उनका कहना है कि जहां सद्बुद्धि होती है, वहां सद्विचारों का स्वयं उदय होने लगता है। पुराण कथाओं को सुनने मात्र से व्यक्ति के आचार विचार और संस्कार बदल जाते हैं। वह अपने को ईश्वर के और निकट महसूस करने लगता है। श्री शर्मा का कहना है कि आज हिंदू संप्रदाय को जातिवाद से ऊपर उठकर अपने को सनातनी होने पर गर्व करना चाहिए। जातिवाद एवं छुआछूत की भावनाएं स्वयं व्यक्ति द्वारा पैदा की गई हैं। फलों से लदा पेड़ यह नहीं पूछता कि कौन उसका फल खा रहा।