रूद्रप्रयाग/ चारधाम यात्रा 2024 की भव्य तैयारियां पूर्ण हो गई हैं शुक्रवार 10 मई को प्रातः विधिविधान के साथ केदारनाथ धाम के कपाट श्रधालुओं के लिए दर्शनार्थ खुलेंगे केदारनाथ मंदिर को लगभग 45 कुंतल फूलों से सजाया जा रहा है। उत्तराखंड के चार धाम और 12 ज्योतिर्लिंग में से एक केदारनाथ धाम भक्तों के लिए आकर्षण और श्रद्धा का केंद्र रहता है। लाखों भक्त बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए बेसब्री से इंतजार करते हैं।
बाबा केदार की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से यात्रा पड़ावों से होकर आज गौरकुंड से प्रस्थान कर 9 मई को केदारनाथ धाम में विराजमान होंगे। केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के वक्त केदारनाथ मंदिर में लंबी औपचारिक पूजा होती है। तीर्थयात्री केदारनाथ मंदिर में मुख्य पुजारियों की पहली बार उद्घाटन पूजा करने के बाद ही दर्शन कर सकते हैं। 10 मई सुबह 7 बजे से बाबा केदारनाथ के कपाट श्रृद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। इसी प्रकार 10 मई को यानी अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खोले जाएंगे। बाबा केदार की चल विग्रह उत्सव डोली आज गौरीकुड से केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी।
गौरीकुड में स्थित गौरीमायी के मंदिर में पहुंचने पर डोली का गौरीकुड में बड़ी संख्या में भक्त एवं स्थानीय लोगों ने भव्य स्वागत किया था। मुख्यमंत्री धामी भी कपाट खुलने के मौके पर केदारनाथ में मौजूद रह सकते हैं। केदारनाथ धाम को फूलों से सजाया गया है।
बदरी-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने तीर्थयात्रियों से की अपील
भक्तिभाव से दर्शन करने आएं रील बनाने से बचें चारधाम यात्रा शुरू होने में कुछ घंटे बचे हैं। इस बीच बदरी-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे भक्तिभाव से दर्शन करने आएं सोशल मीडिया की रील बनाने से बचें। मंदिर समिति भविष्य में मोबाइल को प्रतिबंधित करने पर भी विचार कर रही है। चारधाम यात्रा पंजीकरण का आंकड़ा बुधवार को 22 लाख पार हो गया। यमुनोत्री के लिए तीन लाख 44 हजार 150, गंगोत्री के लिए तीन लाख 91 हजार 812,
केदारनाथ के लिए सात लाख 60 हजार 254, बदरीनाथ के लिए छह लाख 58 हजार 486 और हेमकुंड साहिब के लिए 45 हजार 959 पंजीकरण हो चुके हैं। बुधवार को दिनभर में 59 हजार 804 पंजीकरण दर्ज किए गए हैं। बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यात्रियों को दर्शन के लिए टोकन जारी किया जाएगा। टोकन में अंकित समय पर ही वह मंदिर में जाकर दर्शन कर पाएंगे। बुधवार को जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बैठक ली और टोकन के लिए समुचित व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए।