उत्तरकाशी/ यहां वन विभाग को चेकिंग के दौरान काजल की लकड़ी को बरामद करने में सफलता मिली है गुरुवार को सुबह 5:00 बजे चेकिंग के दौरान वन विभाग की टीम ने जब
एक वाहन की तलाशी ली तो उसके कब्जे से 200 काजल की लकड़ी के गुटके बरामद हुए है टीम ने उत्तरकाशी जिले के गंगोरी बैरियर में चेकिंग के दौरान वाहन संख्या Uk-0-14-5542 को जब वन क्षेत्राधिकारी बाराहाट मुकेश रतुडी और वन क्षेत्राधिकारी पूजा चौहान बिष्ट डांडा मुखीन के अलावा वन टीम में नवीन चंद्र भद्र वनदरोगा. खुशाल सिंह वन आरक्षी. सुभाष बिजलवान. सुभाष अवस्थी स्वतंत्र सिंह ने सघन चेकिंग के दौरान यह लकड़ी बरामद की है।
टीम ने काजल की लकड़ी के 200 गुटके/ कटोरे ऋषि पुत्र सुरेंद्र उम्र 28 वर्ष निवासी ऋषिकेश. सोहन पुत्र प्यारेलाल उम्र 35 साल गुमानी वाला ऋषिकेश, तथा ललित सिंह उम्र 37 साल निवासी धारीपुर पोस्ट ऑफिस सिमकोट नेपाल राष्ट्र को बन अधिनियम की विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार किया है वन विभाग की टीम को पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने इन कटोरो को सहारनपुर ले जाना कबूला है वन विभाग इन तस्करों से उनके पुराने आपराधिक रिकार्ड के बारे में भी जानकारी हासिल कर रहा है।
उपप्रभागीय वनाधिकारी कन्हैया बेलवाल ने कहा है कि वन अपराध किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा आरोपी को सख्त सजा दिलाई जाएगी यह लकड़ी उत्तरकाशी जिले के कुछ स्थानों में पाई जाती है बहुमूल्य होने के चलते इस लकड़ी से बर्तन आदि का उत्पादन किया जाता है इस काजल लकड़ी की डिमांड भारत के पड़ोसी देशों में सबसे ज्यादा नेपाल में होती है । वहां काजल लकड़ी पहुंचने के बाद इसके ‘बाउल’ बनाए जाते है यह बाउल फिर अन्य देशों में लाखों रुपये प्रति बाउल की ऊंची कीमत पर बिकता है यही प्रमुख वजह है कि काजल की लकड़ी की सबसे ज्यादा तस्करी भारत से नेपाल को होती है |