देहरादून/ एसटीएफ ने आज होने वाली वन आरक्षी परीक्षा में नकल कराने की तैयारियों का भंडाफोड़ करते हुए कोचिंग सेंटर संचालक व सहायक प्रोफेसर को हरिद्वार से गिरफ्तार किया। दोनों ने चार लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी के हिसाब से लगभग 15 अभ्यर्थियों से सौदा किया था। इस मामले में तीन अभ्यर्थी भी चिह्नित हुए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि सूचना मिली थी कि हरिद्वार में आज होने वाली वन आरक्षी परीक्षा में अभ्यर्थियों से धनराशि लेकर नकल कराने की तैयारी कर रहे एमएस कोचिंग सेंटर के संचालक मुकेश सैनी निवासी हरचंदपुर मंगलौर हरिद्वार और उसका साथी सहायक प्रोफेसर रचित पुंडीर को गिरफ्तार किया गया है।
50 हजार से एक लाख तक लिए एडवांस अग्रवाल ने बताया कि एसटीएफ ने शनिवार को सैनी के गुरुकुल नारसन स्थित कोचिंग सेंटर पर छापा मारा। यहां मुकेश सैनी और उसके साथी रचित पुंडीर निवासी ग्राम खंजरपुर रुड़की से नकल कराने के उपकरण बरामद किए गए हैं। अग्रवाल ने बताया कि अभ्यर्थियों से पचास हजार से एक लाख रुपये तक एडवांस लिए गए। कुछ अभ्यर्थियों को नकल करने के लिए ब्लूटूथ डिवाइस भी बांट दिए गए थे।
आरोपियों के खिलाफ मंगलौर थाने में संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
दोनों शातिर पहले भी जा चुके हैं जेल
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि कोचिंग सेन्टर का संचालक मुकेश सैनी और उसका साथी रचित पुंडीर नकल कराने के जुर्म में पहले भी जेल जा चुके हैं। सैनी ने फरवरी 2020 में आयोजित वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में अपने साथियों के साथ मिलकर नकल कराई गई थी परन्तु अभ्यर्थियों के साथ समझौता कर मुकदमे से बरी हो गया। रचित पुण्डीर हरिद्वार के एक कालेज में सहायक प्रोफेसर है।
वह भी वन आरक्षी परीक्षा का पेपर परीक्षा के दौरान सैनी को भेजने के आरोप में जेल जा चुका है। रचित पुण्डीर ने आज होने वाली वन आरक्षी परीक्षा में कक्ष निरीक्षक के पद पर ड्यूटी लगवाने की तैयारी कर ली थी। जहां से वह व्हाट्सअप के जरिए सैनी को पेपर भेजने वाला था।
15 अभ्यर्थियों से किया था सौदा
एसटीएफ के अनुसार सैनी ने लगभग 15 अभ्यर्थियों से 4 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी के हिसाब से डील की थी।