उधम सिंह नगर/ उतराखंड राज्य भी कमाल का राज्य है सरकार
तो राज्य को डिजिटल बनना चाहती है परन्तु शिक्षक ही अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं या कहें अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर रहे हैं ऐसा कहने के पीछे का कारण यह है कि प्राथमिक शिक्षा को तकनीकी से जोड़ने के उद्देश्य से शिक्षकों को दिए गए टैबलेट सरकारी स्कूलों से गायब हो गए हैं।
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इन टैबलेट का प्रयोग स्कूलों में बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने व ऑनलाइन हाजिरी लगाने के बजाय शिक्षक अपने घर पर कर रहे हैं। केवल एक जिले की बात करें तो ऊधमसिंह नगर जिले में 770 प्राथमिक स्कूलों में लगभग 2200 शिक्षक हैं। एक से पांच तक के 62,945 बच्चों को पीएम ई विद्या के जरिये ऑनलाइन क्लास देना, शैक्षिक गतिविधि, ऑनलाइन सूचनाएं प्रेषित करने, शिक्षकों व बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी लगाने, एमडीएम का मैसेज भेजने के लिए सभी शिक्षकों को टैबलेट दिए गए थे।
इसका मूल मकसद था प्राथमिक शिक्षा में तकनीकी को जोड़ना। इधर शिक्षक इन टैबलेटों कोअपने व्यक्तिगत उपयोग में ले रहे हैं। शिक्षक इन टैबलेटों का इस्तेमाल अपने घर पर निजी कार्यों में कर रहे हैं। जो की एक बहुत ही दुखद बात है टीचरों की जिम्मेदारी बच्चों को तकनीकी स्किल में मजबूत बनाना है ना कि सरकार द्वारा दिए गए सामानों को अपने घर में ले जाना।
बीते दिनों बाजपुर क्षेत्र के दो स्कूलों में निरीक्षण के दौरान डीईओ हरेंद्र कुमार मिश्र को सात अध्यापकों के पास टैबलेट नहीं मिले। पूछताछ करने पर शिक्षक बगलें झांकने लगे। अब विभाग प्राथमिक स्कूलों में सख्ती शुरू कर दी है।