किच्छा/ अष्टमी पूजन के दौरान प्रसाद खाने से चार बच्चों सहित पांच लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए जिन्हें आनन-फानन में स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। तीन बच्चों की नाजुक हालत को देखते हुए उन्हें तुरंत उच्च चिकित्सा हेतु जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। घटना की जानकारी मिलते ही कोतवाली प्रभारी सुंदरम शर्मा दलबल के साथ स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचे और प्रसाद खाने से बीमार पड़े बच्चों का हाल जानने के साथ ही घटनास्थल का भी निरीक्षण किया।
मौके पर खाद्य विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को खाद्य पदार्थों के सैंपल लेने के लिए बुलाया गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक यहां गैस एजेंसी रोड पंत कॉलोनी में रंजन के घर पर अष्टमी पूजन का कार्यक्रम था जिसमें कन्या पूजन के लिए पड़ोस के ही जितेंद्र पाल के बच्चे भी पहुंचे थे। प्रसाद ग्रहण करने के कुछ ही देर में जितेंद्र पाल के पुत्र मयंक, पुत्री भूमिका और पुत्री लवली की हालत बिगड़ गई। रंजन की पुत्री रूपाली की भी हालत खराब हो गई। जिनको तुरंत स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां पर मयंक भूमिका और लवली की गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया।
जबकि रूपाली का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है रूपाली की मां प्रतिमा देवी भी स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती है। रंजन सिंह ने बताया कि सभी बच्चों को प्रसाद दिया गया था जिसमें जब बच्चों को सूखे मेवे का प्रसाद जिसमें गोला मिश्री बादाम आदि मिक्स थे दिया गया तो देते वक्त ही हाथों में जलन सी महसूस होने लगी थी। इस ओर कोई ध्यान न देते हुए प्रसाद बच्चों को वितरित कर दिया गया। जैसे ही बच्चों ने प्रसाद खाना शुरू किया तो कुछ ही देर बाद बच्चों को उल्टियां मुंह में जलन शुरू हो गई जिसकी सूचना सभी को दी गई। आनन फानन में बच्चों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया उपचार शुरू किया गया।
जितेंद्र पाल द्वारा रंजन सिंह पर बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए हाथापाई भी किए जाने का मामला संज्ञान में आया है। परंतु मारपीट की पुष्टि नहीं हुई है जबकि गंभीर रूप से बीमार बच्चों को उच्च चिकित्सा के लिए ले जाया गया है। कोतवाली प्रभारी सुंदरम शर्मा ने बताया कि प्रसाद जिस दुकान से खरीदा किया गया था उस दुकान को भी बंद कर दिया गया है। खाद्य विभाग के अधिकारियों को बुलाकर खाने की सैंपलिंग की जा रही है। प्रसाद विक्रेता दुकानदार को यह हिदायत दी गई है कि जहां-जहां भी उसके द्वारा प्रसाद बेचा गया है वहां से तुरंत सूचना देकर प्रसाद वितरण में रोक लगायें। रंजन ने पुलिस को बताया कि उसके द्वारा बाजार की एक दुकान से सूखे मेवे में मिश्री आदि खरीदी गई थी जब उसके द्वारा मिश्री आदि का वितरण कर बच्चों को खिलाया गया तो तभी उक्त घटना घटित हो गई। समाचार लिखे जाने तक खाद्य विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंच पाई थी जबकि दोनों घरों को पुलिस ने ताला लगाकर बंद कर दिया है। खाद्य विभाग द्वारा जांचों उपरांत घर के ताले खोले जाएंगे।