ऋषिकेश कोतवाली के पूर्व प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह सहित 8 पुलिस कर्मियों के खिलाफ अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मुकदमा दर्ज करने के दिए आदेश।

न्यूज़ 13 प्रतिनिधि देहरादून

 ऋषिकेश/ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश भवदीप रावते की अदालत ने ऋषिकेश कोतवाली के पूर्व प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह सहित आठ पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा करने के आदेश ऋषिकेश कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक को दिए हैं। उक्त सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ एक महिला ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। वर्तमान में रितेश शाह मुनि की रेती (टिहरी) में प्रभारी निरीक्षक के पद पर तैनात हैं।

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गुमानीवाला निवासी लता कांडपाल ने 24 जुलाई 2023 को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश भवदीप रावते की अदालत में प्रार्थना दिया था। जिसमें लता कांडपाल ने वर्ष 2021 के अप्रैल में कोविड काल के दौरान कोतवाली ऋषिकेश के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह सहित कई अन्य पुलिस कर्मियों पर उनके खिलाफ झूठा मुकदमा करके उन्हें फंसाने का आरोप लगाया था। लता ने आरटीआई के तहत कोतवाली की सीसीटीवी फुटेज भी मांगी थी। फुटेज को न्यायालय को भी दिखाया गया था। लता कांडपाल के अधिवक्ता रविंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश भवदीप रावते की अदालत ने रितेश शाह सहित अन्य पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

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न्यायालय ने धारा 75 किशोर न्याय अधिनियम 2015, भारतीय दंड सहिंता की धारा 220, 323, 342, 330, 385, 386 में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। यह भी कहा है कि धारा या अधिनियम विवेचना के अनुरूप परिवर्तित की जा सकती हैं । न्यायालय ने कोतवाली ऋषिकेश के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह, एसआई रघुवीर कप्रवाण, महिला एसआई मीनू यादव, एसआई उत्तम रमोला, हैड कांस्टेबल जयपाल सिंह, कांस्टेबल आदित्य, मनोज व सतबीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने यह भी कहा है कि मामला निरीक्षक व वरिष्ठ उपनिरीक्षकों से जुड़ा हुआ है।

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इसलिए इस बात की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता कि इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं होगी। इसलिए इस आदेश की एक प्रति वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को प्रेषित की जाए कि वह इस मामले के पंजीकृत होने के बाद अपने स्तर से इंस्पेक्टर रैंक से उच्च रैंक पुलिस क्षेत्राधिकारी अथवा अपर पुलिस अधीक्षक या किसी भी अधिकारी को जिसे वह अपने अनुरूप उचित समझें । निष्पक्ष जांच कराएं।

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