रुद्रप्रयाग/ उत्तराखंड में किसानों के हकों के लिए संयुक्त किसान मोर्चा उत्तराखंड द्वारा लागत किसानों के लिए काम किया जाता है। इसी तर्ज पर बुधवार को मोर्चा द्वारा सरकार के खिलाफ एक बार फिर से हल्लाबोल करना पड़ा। किसान मोर्चा द्वारा फिर से सरकार को चेताने के लिए सरकार को ज्ञापन देना पड़ा। ऊखीमठ तहसील परिसर में बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। इस दौरान उन्होंने एडीएम ऊखीमठ के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी को अपना 16 सूत्री मांगों का ज्ञापन भेजा।
इस दौरान उन्होंने कहा कि बेहद अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि भारत सरकार द्वारा किसानों से वायदा करने के बावजूद अपने वायदे के खिलाफ लगातार किसानों को जल, जंगल और जमीन से बेदखल कर कॉरपोरेट के हवाले किया जा रहा है जिससे किसानों में भारी आक्रोश है साथ ही इससे प्रधानमंत्री पद की गरिमा को लगातार नुकसान हो रहा है।
साथ ही इस दौरान मोर्चा द्वारा स्वामीनाथन आयोग, कृषि में बढ़ती लागत, विद्युत संशोधन विधेयक 2022, लखीमपुर कांड, फसल बीमा, किसान पेंशन, वन संरक्षण अधिनियम संशोधन 2023, गन्ना खरीद मूल्य,जंगली जानवरों से हिफाजत की व्यवस्था और चकबंदी योजना को लागू करने की बात की गई। इस दौरान वहा पर प्रदेश उपाध्यक्ष किसान सभा राजाराम सेमवाल, जिला महामंत्री सी0 आई0 पी0 यू0 बीरेंद्र गोस्वामी, जिला अध्यक्ष किसान सभा अषाड सिंह, आनंद सिंह रावत और बसंती रावत आदि लोग मौजूद रहे।